1. बाजू (बाँह) पर बाँधने का एक आभूषण पर्या. बाजूबंद 2. रामायण कथा के अंतर्गत वानरराज बालि के पुत्र एवं राम के सेनापतियों में प्रमुख।
अंगदान
किसी व्यक्ति के द्वारा अपनी जीवितावस्था में ही शरीर के किसी अंग विशेष जैसे : आँखें, गुर्दा आदि का मृत्यु के पश्चात् दान करने की घोषणा जो किसी जरूरतमंद व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित की जा सके।
अंगद्वार
शा.अर्थ अंग (शरीर) का/के द्वार। जीव. शरीर के छिद्र जो नौ माने जाते हैं-दो कान, दो आँखें, नाक के दो छिद्र, मुख, गुदा और लिंग।
अंग प्रत्यंग [अंग+प्रति+अंग]
शरीर का प्रत्येक अंग; पूरा शरीर ही।
अंगभंग [अंग+अंग]
शा.अर्थ शरीर के किसी अंग पर चोट; दुर्घटनावश किसी अंग विशेष का टुट जाना।
अंगरक्षक
शा.अर्थ अंग की रक्षा करने वाला/वाले (व्यक्ति); किसी गणमान्य व्यक्ति की सुरक्षा के लिए नियुक्त सशस्त्र कर्मचारी।
अंगरखा
एक लंबा मर्दाना पहनावा।
अंगराग
शरीर पर मलने योग्य/लगाने सुगन्धित लेप, सौंदर्य प्रसाधन, उबटन।
अंगवस्त्र
पंडितों के एक कंधे पर डाला जाने वाला आगे-पीछे लटकता और दो परतों में लिपटा बिना सिला वस्त्र। तु. दुपट्टा।