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Hindi Paribhashik Laghu Kosh

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अकथनीय
1. जिसका कथन न किया जा सके, जिसका वर्णन करना कठिन हो। 2. जो कहने के योग्य न हो। विलो. कथनीय।

अकथ्य
कहने के योग्य न होना। विलो. कथ्य।

अक बक वव
1. आवेशवश या स्वभावश की जाने वाली संबद्ध बातें। निरर्थक बात। 2. अनर्गल प्रलाप। जैसे : बहुत हो गया अब बक-बक बंद करो। वि. चकित, भौंचक्का जैसे : वह सहसा तुम्हें देखकर अक-बक रह गया।

अकबकाना
1. आश्‍चर्यचकित होना, भौंचक्का रह जाना। 2. निरर्थक बातें करना। 3. घबराना। उदा. 1. वह तुम्हारा वैभव/उन्नति देखकर अकबका गया। 2. वह मार्ग में सहसा तीव्र गति से आते वाहन को देखकर अकबका गया। 3. अधिक अकबकाना ठीक नहीं।

अकर्मक
व्याकरण (क्रिया का वह प्रकार) जिसमें कर्म नहीं होता। जैसे : सोना, जागना, हँसना इत्यादि intransitive

अकर्मण्य
कार्य के योग्य, कर्मठ। (व्यक्‍ति) जो स्वभाव से ही काम में रूचि न लेता हो। जैसे : अकर्मण्य व्यक्‍ति। पर्या. निकम्मा, आलसी। जो काम न करता हो। पर्या. निठल्ला।

अकसर/अक्सर
प्राय:, बहुधा, अधिकतर। अमूमन (उमूमन) उदा. मैं उन्हें अच्छी तरह से जानता हूँ क्योंकि वे अक्सर हमारे घर आते रहते हैं।

अकस्मात्
1. यकायक, एकाएक, आकस्मिक रूप में, एकदम से, अचानक, सहसा। 2. बिना किसी कारण के, अकारण, संयोगवश ही। उदा. उसके अकस्मात् घर आ जाने पर मैं भौचक्का रह गया।

अकाट्य
(दे. काटना) 1. जिसका काट या खंडन न किया जा सके। जैसे : अकाट्य तर्क। टि. हिंदी की 'काट' धातु से संस्कृत पद्धति पर बना। 'काट्य' यानी 'जिसे काटा जा सके' और फिर उसमें नकारात्मक 'अ' उपसर्ग जोड़कर बना शब्द।

अकादमिक
1. अकादमी (संस्था) से संबंधित 2. उच्चतर शिक्षा में साहित्य, विज्ञान, गणित, भाषा आदि विषयों के ज्ञान से संबंधित।


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