1. ऐसा समय या स्थिति जब मनुष्य अत्यंत कष्ट अनुभव करता है। पर्या. आफत, विपत्ति। 2. अचानक आई हुई विपत्ति या उत्तेजनापूर्ण स्थिति crisis उदा मुहा. संकट के समय मंडराना = विपत्तियों से घिर जाने की स्थिति।
संकटकाल [संकट+काल]
वह समय जिसमें संकट बना रहे। दे. संकट।
संकटापन्न [संकट-आपन्न]
1. संकट या कष्ट में पड़ा हुआ (व्यक्ति)। 2. संकटपूर्ण (परिस्थिति या कार्य) जैसे: संकटापन्न स्थिति में धैर्य रखना चाहिए। 3. संकटग्रस्त (व्यक्ति) जैसे: संकटापन्न व्यक्ति की सहायता धर्म ही है।
संकर
दो अलग-अलग जातियों या नस्लों आदि के मिश्रण से उत्पन्न। जैसे: संकर गाय-भिन्न नस्ल की गाय और बैल से उत्पन्न गाय। संकर शब्द-भिन्न भाषाओं के शब्दों से बना शब्द। संकर गेहूँ-भिन्न प्रजातियों के कृत्रिम मिश्रण से उत्पन्न गेहूँ। संकर राग-दो रागों को मिलाकर बनाया राग। वर्णसंकर। दे. साँकल। पुं. देश. प्रांतीय बोलियों में शंकर या साँकल (जंजीर) का तद् भव रूप।
संकलन
1. संग्रह, एकत्रीकरण। 2. अच्छी-अच्छी बातों या विचारों का विभिन्न ग्रंथों से चयन। 3. चुनी हुए सूक्तियों या अच्छी बातों को इकट् ठा करके बनाया हुआ ग्रंथ या पुस्तक। compilation 4. (गणि.) जोड़ने की क्रिया। addition
संकलित
1. विशेष दृष्टिकोण से चुना हुआ, जिसका संकलन किया गया हो। उदा. हमारी पाठ्य-पुस्तक में एक पाठ रामायण से संकलित है। 2. लिया हुआ, संगृहीत, एकत्रित। उदा. इस पत्रिका में विविध स्त्रोतों से संकलित कहानियाँ हैं। compiled
संकल्प
1. कोई कार्य करने का दृढ़ विचार। 2. कोई धार्मिक कार्य करते समय प्रारंभ में पढ़े जाने वाले मंत्र जिनका अर्थ 'कार्य पूर्ण करने की दृढ़ता' होता है। 3. मन में आते-जाते रहने वाले कई प्रकार के विचारों में से वह विचार जिसे मन पकड़ लेता है।
संकल्पना [सं+कल्पना]
व्य.अर्थ सम्यक्=अच्छी तरह या पूरी तरह+कल्पना। सा.अ. 1. किसी बात की समग्र रूप से कल्पना या उसके कारणों और परिणामों की समझ, अवधारणा। 2. किसी बात को नए ढंग से करने या प्रस्तुत करने का विचार या रूपरेखा। 3. किसी कार्य का स्थूल विवरण। 4. किसी विषय में वह मूलभूत धारणा जिसके आधार पर व्यक्ति कार्य की योजना बनाता है। concept
संकल्पबद्ध [संकल्प+बद्ध]
1. वह, जिसने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से कोई संकल्प कर रखा हो और जिसके कारण वह कुछ सीमाओं या नियमों में बँध गया हो। 2. दृढ़ निश्चयी।