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Hindi Paribhashik Laghu Kosh

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श्रुद्रांत्र
[क्षुद्र= छोटी+अंत्र=आँत] (शा.अर्थ.) छोटी आँत प्राणि. आहारनाल में आमाशय और वृहदांत्र के अमाशय पदार्थों का अवशोषण, बीच का भाग जहाँ पोषक होता है। पर्या. छोटी आँत। small intestine


शंका
इसका प्रवर्तन ईसवी सन से 77/78 वर्ष पहले और विक्रम संवत् से 135 वर्ष बाद हुआ था।

शंका
निश्‍चय तक न पहुँचने देने वाला तत् व। पर्या. संशय, संदेह doubt

शंकालु [शंका+आलु]
1. जिसका मन किसी व्यक्‍ति, वस्तु, गुण, व्यवस्था आदि के प्रति संदेह/शंका करने के स्वभाव वाला हो, संशयी जैसे: शंकालु व्यक्‍ति कभी शांति को प्राप्‍त नहीं करता। 2. संदेह करने वाला। शक्की।

शंकु
1. वृत्‍ताकार आधार और निरंतर घटती चौड़ाई वाली भुजाओं से निर्मित आकृति या ठोस पिंड जिसकी भुजाओं के अंतिम सिरे के बिंदु पर जाकर मिल जाते हैं। cone

शंकुधारी वृक्ष
ऐसे वृक्ष जो ऊपर से नुकीले होते हैं और उनकी चौड़ाई नीचे की ओर क्रमश: बढ़ती जाती है। ऊँचे पर्वतों पर ऐसे वृक्ष पाए जाते हैं जहाँ हिमपात अधिक होता है। शंकु-आकार के कारण बर्फ नीचे फिसल जाती है और वृक्ष सुरक्षित रहते हैं।

शंक्वाकार (शंकु+आकार)
शंकु के आकार का। दे. शंकु।

शंख
समुद्र में घोंघे की प्रजाति का बड़ा कीड़ा होता है। उसके शरीर पर एक कठोर कवच होता है। इस कवच को शंख कहते हैं। इसकी आकृति अंदर से घुमावदार होने के कारण एक ओर छिद्र होता है, फूँकने पर ध्‍वनि होती है। पूजन में इसका प्रयोग होता है।

शंखध्वनि
शंख बजाने से होने वाली आवाज। दे. शंख।


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