1. ऐसा उपद्रव या उत्पात जब किसी व्यक्ति द्वारा या कुछ लोगों के द्वारा अपने साथ हुए अन्याय या अपमान, पक्षपात आदि का विरोध पूरे शोर-शाराबे के साथ आक्रोश व्यक्त करते हुए किया जाता है। 2. शोरगुल 3. मारपीट, दंगा। मुहा. हंगामा खड़ा करना, हंगामा मचाना = लड़ाई-झगड़ा करना, हल्ला या शोरगुल मचाना। जैसे: एक महिला यात्री ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार से खिन्न होकर बस में ऐसा हंगामा मचाया कि अधिकारियों को क्षमा माँगनी पड़ी।
हंस
1. लंबी और लचकदार गर्दन और जालीदार पंजे से युक्त छोटे पैरों वाला शुभ्र वर्ण का एक जलपक्षी जिसकी आवाज सुरीली होती है। इसकी चलने की पद्धति अत्यंत आकर्षक होती है। 2. ला. शुद्ध आत्मा, जीवात्मा 3. दशनामी संन्यासियों का एक भेद। जैसे: सरस्वती देवी का वाहन 'हंस' है। वि. कवि मान्यता के अनुसार हंस मानसरोवर (तिब्बत) में निवास करता है तथा इसके पास दूध और पानी को अलग करने की प्रकृति प्रदत्त शक्ति है। इसीलिए इसे 'नीर क्षीर विवेकी' कहा जाता है। मुहा. हंस उड़ जाना = मृत्यु हो जाना।
हंसगति स्त्री [हंस + गति]
1. 'हंस' पक्षी की तरह सुंदर व धीमी चाल। 2. दर्श. जीवात्मा का ब्रह्म में मिल जाना, ब्रह्मप्राप्ति। उदा. जा छन हंस तजी यह काया। सूरसागर
हँकाना स.क्रि.
1. आवाज़ लगाना। ज़ोर से पुकारना। 2. हाँक (पुकार) लगवाना। उदा. ज़मींदार ने ट्रैक्टर से अपना खेत हँकाया।
हँसना अ.क्रि
1. प्रसन्नता प्रकट होने या करने की वह क्रिया जिसमें नेत्र, होंठ, मुँह तथा दंतपंक्ति भी प्रसन्नता को अभिव्यक्त करते हैं। हर्षध्वनि निकलती है। 2. मुस्कराना, मंद हास्य। 3. ठहाका लगाना, अट्टहास। 4. उपहास करना, मज़ाक उड़ाना।
हँसमुख
1. वह व्यक्ति जो हमेशा खुश दिखता हो। 2. विनोदी स्वभाव का। जैसे: तुम जैसा हँसमुख व्यक्ति वातावरण को प्रसन्न बना देता है।
हँसली
1. गले के नीचे और छाती के ऊपर की गोलाकार दो हडि्डयाँ। 2. स्त्रियों का गले में पहनने का एक विशेष आभूषण। जैसे: पहले स्त्रियाँ गले में चाँदी या सोने की बनी 'हँसली' धारण करती थीं।
हँसिया
1. लोहे से बना एक अर्ध चंद्राकार औजार जिससे खेत की फसल घास, पौधे, सब्जी आदि काटे जाते हैं। 2. दराँती।
हँसी
1. हँसने की क्रिया या भाव। 2. मज़ाक, विनोद, परिहास। जैसे: हँसी उड़ाना = मज़ाक करना। हँसी-खेल होना = किसी कार्य को अत्यंत साधारण, सहज या तुच्छ समझना। हँसी-खेल न होना = अत्यंत कठिन कार्य। उदा. इस नदी को पार करना हँसी खेल नहीं है।