स्त्री. कंकड़ी/री पत्थर का छोटा गोल-सा टुकड़ा। वि. कंकड़ीला।
कंकाल
अस्थियों, उपास्थियों का बना शरीर का दृढ़ ढाँचा जो आंतरिक अंगों को सुरक्षा प्रदान करता है। पर्या. अस्थि। पिंजर, ठठरी।
कंक्रीट
(अं.) सीमेंट, रेत, बजरी आदि का आनुपातिक मिश्रण जो पक्के घर, सड़क आदि बनाने के काम आता है। पर्या. (बोलचाल) मसाला।
कंगन
सोने, चाँदी आदि का बना गोलाकार गहना/आभूषण जो कलाई में पहना जाता है। 2. सिक्ख धर्म के अनुसार पंच 'ककारों' में मान्य इस्पात का बना गोल कड़ा जो हाथ में पहना जाता है। bangle मुहा. हाथ कंगन को आरसी क्या पढ़े लिखे को फारसी क्या।
कंगाल
जिसके पास खाने-पीने,पहनने आदि का सामान लगभग न के बराबर हो, अति निर्धन। पर्या. मुफलिस।
कंगाली
कंगाल होने की स्थिति। पर्या. मुफ़लिसी मुहा. कंगाली में आटा गीला = कष्टों की दोहरी मार, मुसीबत पर मुसीबत।
कंगुरा/कंगूरा
किले की चारदीवारी पर थोड़ी दूरी पर बनी हाथ के पंजेनुमा आकृतियों में से कोई एक आकृति। वे आकृतियाँ प्राय: शोभा के लिए होती थीं किंतु इनके नीचे बने छेदों में से सिपाही अपनी बंदूके तान कर किले पर आक्रमण करने वाली शत्रुसेना पर गोलीबारी किया करते थे।
कंचन
1. सोना, 2. ला.अर्थ धन-सम्पत्ति।
कंचुक
स्त्री. कंचुकी) 1. पुराने जमाने का मर्दाना अंरखा; महिलाओं की चोली, अँगिया। 2. साँप की केंचुली।