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Awadhi Sahitya-Kosh

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डॉ. अनुजप्रताप सिंह
ये संप्रति आर.आर. महाविद्यालय, अमेठी, सुल्तानपुर में सेवारत हैं। इन्होंने अवधी साहित्य में प्रचुर मात्रा में सर्जना की है।

अनुरागी
ये हरदोई के निवासी हैं। इनकी काव्यकृति ‘मीनाबाजार’ (खण्डकाव्य) अवधी काव्य में गण्यमान है।

अनूप शर्मा
ये लखनऊ के निवासी एवं अवधी कविताएँ करने में सिद्धहस्त कवि हैं। इनकी कविताएँ प्रायः पत्र-पत्रिकाओं में छपा करती हैं।

अनूप श्रीवास्तव
लखनऊ नगर के निवासी श्रीवास्तव जी अपनी कविताओं के लिए बहुत मशहूर हैं। इन्होंने अवधी को अपनी काव्य भाषा के रूप में मान्यता प्रदान की है।

अब्दुर्रशीद खाँ ‘रशीद’
रायबरेली निवासी रशीद जी उच्चस्तर के साहित्यसेवी रहे हैं। इनकी साहित्य-सर्जना अधिकांश अवधी भाषा में प्रस्फुटित हुई है। इनका साहित्यिक स्थान अग्रगण्य है। इनका जन्म एवं मृत्यु वर्ष है क्रमशः १९०० एवं १९८० ।

अब्दुल कुद्दूस गंगोही (शेख)
इनका जन्म रुदौली (बाराबंकी) में सं. १५१३ वि. में हुआ था। कालांतर में ये गंगोह (सहारनपुर) में बस गए, जिसके कारण इनके नाम के पीछे गंगोही शब्द लगने लगा। इनकी मृत्यु सं. १५९४ वि. में हुई। इनका उपनाम ‘अलखदास’ भी मिलता है। इन्होंने ‘चांदायन’ का फारसी अनुवाद किया था। इनके पिता का नाम इस्माइल था।

अमरजीत
ये जहाँगीरगंज, फैजाबाद के निवासी एवं अवधी साहित्यकार हैं।

डॉ. अमरनाथ बाजपेयी
ये लखनऊ नगर के प्रवासी हैं। ‘विरहिन क बसन्तु” दोहा-चौपाई छंदों में विरचित इनकी महत्वपूर्ण रचना है।

अमर बहादुर सिंह ‘अमरेश’
ये पूरे रूप, अमावाँ, जिला रायबरेली के निवासी एवं सुविख्यात अवधी कवि रहे हैं। इनका जन्म १९२९ तथा अवसान सन् १९७८, में हुआ।

अमीर अली वारसी
ये कबीर पंथी संत रहे हैं। इनका जन्म सन् १८९० ई. में ग्राम गंगाचौली, जनपद बाराबंकी में हुआ था। इन्होंने अवधी साहित्य में अविस्मरणीय योगदान किया है। इनका अवधी ग्रंथ है- “ज्ञान संग्रह” जो दो खण्डों में प्रकाशित हुआ है। प्रथम सन् १९३४ में तथा दूसरा सन् १९४४ में।


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