ओंकारनाथ जी पूर्वी अवधी भाषा के अधिकृत कवि माने गये हैं। ‘श्रृंगार सुमन’ इनकी कविताओं का लोकप्रिय संग्रह है। कवि ने अपनी कृति में पूर्वी अवधी भाषा और पूरबी गीतों का समाहार किया है।
ओमप्रकाश त्रिपाठी ‘प्रकाश’
महोली, सीतापुर के निवासी प्रकाश जी का जन्म सन् १९३३ में हुआ। ये एक अच्छे साहित्यकार हैं। इन्होंने अपना साहित्य सृजन अधिकांश अवधी भाषा के माध्यम से किया है। इन्होंने अपनी रचनाओं में समाज को नई दिशा देने एवं उसे सन्मार्ग पर पहुँचाने की संकल्पना की है। हमार देशवा, गाँव पंचाइति, होली मा आदि इनकी अवधी की मुक्तक रचनाएँ हैं। ये कृषक इण्टर कालेज, महोली में हिन्दी अध्यापक भी रहे।
ओमप्रकाश मिश्र
कुम्हरावाँ, लखनऊ में जनमे मिश्र जी एक उच्चकोटि के साहित्यकार हैं। इन्होंने अवधी की विशेष सेवा की है। इनकी ‘विकासायन’ नामक कृति अवधी साहित्य की एक विशिष्ट उपलब्धि है।