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Awadhi Sahitya-Kosh

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आतमदीन
इनका अवधी साहित्य के परिवर्द्धन में पर्याप्त योगदान रहा है। इन्होंने अपनी लोक कथाओं तथा लोकोक्तियों के माध्यम से अपने जीवन के अनुभवों को पद्यबद्ध किया है। साहित्य में अति सामान्य जीवन को इन्होंने अपना विषय क्षेत्र बनाया है।

आदित्यप्रसाद अवस्थी ‘दिनेश दादा’
सीतापुर जनपद के दौली नामक गाँव के निवासी अवस्थी जी अपनी अवधी रचनाओं के लिए प्रख्यात हैं। इनका जन्म २४ जुलाई सन् १९३७ को हुआ था। हास्य-व्यंग्य इनके लेखन का मुख्य क्षेत्र है। महमूद फूफा, खटमल चालीसा, मूंछे, डकैत आदि तमाम इनकी अवधी रचनाएँ हैं।

आदित्य वर्मा
वर्मा जी का जन्म गोण्डा जनपद में हुआ था। इन्होंने ग्राम्य जीवन एवं सम-सामयिक विषयों को अपनी लेखनी के माध्यम से चित्रांकित करने का उपक्रम किया। ’भरत’ इनका प्रसिद्ध अवधी खण्ड काव्य है।

आद्याप्रसाद मिश्र ‘उन्मत्त’
प्रतापगढ़ में जन्मे उन्मत्त जी उच्चकोटि के अवधी साहित्यकार हैं। इन्होंने अवधी भाषा को उत्कृष्ट साहित्य प्रदान किया है। मिश्र जी खड़ी बोली में भी साधिकार लिखते हैं। ये मंच के भी सफल कवि हैं। व्यवसाय से मिश्र जी अधिवक्ता हैं। किंतु मूलतः एक साहित्यकार और पत्रकार हैं। ‘फौजी की पाती’, ’रेलगाड़ी सुप्रसिद्ध रचनाएँ हैं। इन रचनाओं में गाँवों के जीवन का चित्रांकन है।

अद्याप्रसाद शुक्ल
शुक्ल जी का आधुनिक अवधी कविता में उल्लेखनीय स्थान है। इन्होंने पुस्तकाकार कम, किंतु स्पष्ट रूप से अनेक अवधी कविताओं की रचना की है।

आद्याप्रसाद सिंह ‘प्रदीप’
ये पूर्वी अवधी के जाने माने कवि हैं। इनका जन्म २ अगस्त १९४५ ई. को सुल्तानपुर जिले के ग्राम रानेपुर दलिया गोलपुर में हुआ था। इनके पिता का नाम दुर्गाप्रसाद सिंह है। सम्प्रति ये जिलापरिषद के विद्यालय में अध्यापक है। ‘पूर्वी अवधी के कवियों’ पर इन्होंने पी-एच.डी. स्तर का शोध कार्य भी किया है। इनकी अवधी की रचनायें हैं - ‘अवध बानी’ (मुक्तक संकलन) इसे उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ से पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। ‘सुलोचना’ खण्डकाव्य। ‘प्रदीप’ जी ने अवधी में सुन्दर गद्य भी लिखा है। पूरबी अवधी लोक गीतों की समीक्षा पूरबी अवधी के गद्य में ही करते हैं। इन्होंने लगभग एक दर्जन ग्रन्थों की रचना की है जिनमें कुछ प्रकाशित भी हो चुके हैं। राष्ट्रीय ऐक्य पर कवि के उद्गार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। अवधी काव्य सृजन के प्रति समर्पित प्रदीप जी से हिन्दी जगत को बड़ी सम्भावनायें हैं।

आधुनिक अवधी काव्य में राष्ट्रीय चेतना
यह डॉ. अनीस हसन द्वारा सन् १९९० में प्रस्तुत शोध-प्रबंध है। इस शोध कार्य में आधुनिक अवधी काव्य के माध्यम से अभिव्यक्त राष्ट्रीय चेतना का उद्घाटन किया गया है।

आधुनिक अवधी काव्य में लोकतत्त्व
यह डॉ. शीलेन्द्र मोहिनी श्रीवास्तव द्वारा सन् १९७६ में प्रस्तुत शोध-प्रबंध है। इस शोध कार्य में अवध प्रदेश के जनजीवन में प्रचलित एवं परिव्याप्त लोकतत्वों को खोजने एवं उनकी विवेचना करने का प्रयास किया गया है।

आधुनिक अवधी के प्रमुख कवि
यह डॉ. ओम् प्रकाश त्रिवेदी द्वारा प्रणीत परिचयात्मक ग्रंथ है। इसका प्रणयन सं. २०४७ में हुआ। इसमें पं. प्रतापनारायण मिश्र, पढ़ीस, वंशीधर शुक्ल, रमई काका, मृगेश तथा पं. द्वारका प्रसाद मिश्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया है।

आधुनिक अवधी संत-साहित्य
यह डॉ. रामकृष्ण जायसवाल द्वारा सन् १९९३ में प्रस्तुत शोध- प्रबंध है। इसमें अवधी भाषा के माध्यम से रचित संत-साहित्य का उल्लेख किया गया है।


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