यह श्री रामाज्ञा द्विवेदी ‘समीर’ द्वारा संपादित अवधी शब्द-संग्रह है। इसका संपादन एवं प्रकाशन सन् १९५४ के आस-पास हुआ था। इसमें लगभग चालीस हजार शब्द संकलित हैं। यह संभवतः पहला अवधी शब्द-संग्रह है।
अवधी परिषद
यह लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में स्थापित एक संस्था है। ’अवधी’ नामक पत्रिका का प्रकाशन इसी संस्था के माध्यम से अत्यन्त सफलतापूर्वक सम्पन्न होता था।
अवधी भाषा एवं साहित्य का इतिहास
यह प्रो. राजेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव द्वारा लिखित परिचयात्मक पुस्तक है, जिसका प्रकाशन २ अक्टूबर सन् १९९७ ई. को ‘भवदीय प्रकाशन’ अयोध्या से हुआ। इस पुस्तक में अवधी व्याकरण एवं ऐतिहासिक विवरण प्रस्तुत किया गया है। अवधी साहित्य में इसकी बड़ी ही उपादेयता सिद्ध हुई।
अवधी भाषा-साहित्य और संस्कृति
यह डॉ. राधिका प्रसाद कृत अवधी की अन्वेषणात्मक एवं परिचयात्मक पुस्तक है, जिसमें साहित्यकारों का परिचय एवं अवधी के संदर्भ में कई लेखों का समायोजन है। इस पुस्तक का प्रकाशन १९८८ ई. में ’आनंद-प्रकाशन’ दीवानी मिसिल, फैजाबाद से हुआ।
अवथी मंच
सुल्तानपुर जिले के कादीपुर क्षेत्र में स्थापित यह एक संस्था है। यह संस्था ’अखत’ नामक पत्रिका दो अंकों में प्रकाशित कर चुकी है और अवधी भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु समर्पण भाव से सेवारत है।
अवधी में संयुक्त क्रियापद
यह डॉ. ज्ञानशंकर पाण्डेय द्वारा किया गया महत्वपूर्ण शोधकार्य है, जो अभी अप्रकाशित है। इसमें अवधी का भाषावैज्ञानिक वर्गीकरण एवं विकास प्रस्तुत किया गया है।
अवधी लोक कथाएँ
डॉ. बाबूराम सक्सेना द्वारा लिखित पुस्तक ‘अवधी का विकास’ के परिशिष्ट-२ में वर्णित लोककथाएँ हैं- गुलगुला वाली कथा, ठकुरन की बहादुरी, अंधेरे की बेईमानी, लरिकिनि की पति सेवा, गुरू किहे के फल, बाम्हन अउ बोकरा केर कथा, सियार और सियारिन, बाबा की करामात, कचेहरी मा बयान, मुकदिमा कइ हाल, बम्हनी कइ बयान, भिखारी बाम्हन कय कथा।
अवधी लोकोक्ति / कहावत-कोश
यह डॉ. रामबहादुर मिश्र कृत संग्रह है, जिसमें ३,००० लोकोक्तियों/कहावतों का संकलन प्रस्तुत किया गया है। लोकोक्तियाँ अन्तर्कथात्मकता के भी साथ प्रस्तुत की गयी हैं। यह अवधी साहित्य की विशेष उपलब्धि है।
अवधी शब्द कोश
यह सन् १९९६ में हिन्दी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित एक उपयोगी संग्रह है। इसमें लगभग आठ हजार शब्दों का संकलन प्रस्तुत किया गया है और साथ ही उनका अर्थ, व्याकरणिक कोटि आदि से भी परिचय कराया गया है। इसमें ठेठ देशज शब्दों को लिया गया है, जो अभी तक अप्रकाशित थे। इस कोश में डॉ. हरदेव बाहरी तथा श्री रामाज्ञा द्विवेदी ‘समीर’ द्वारा रचित कोशों के भी समस्त देशजशब्दों को संकलित किया गया है। इसका संपादन कार्य डॉ. सूर्यप्रसाद दीक्षित एवं डॉ. सजीवनलाल यादव द्वारा संपन्न हुआ।
अवधी शब्द-सम्पदा
यह डॉ. हरदेव बाहरी द्वारा सम्पादित अवधी का शब्द कोश है। समीर द्वारा संपादित ‘अवधी-कोश’ में परिवर्तन-परिवर्द्धन करके दोगुनी शब्द-संपदा करते हुए बाहरी जी ने अपने नये संग्रह का नाम ‘अवधी शब्द-संपदा’ दिया है। इस संग्रह का आधार सामान्य बोल चाल की भाषा है। इसमें लगभग ३०,००० शब्द संकलित हैं। इसका प्रथम संस्करण सन् १९९२ में प्रकाशित हुआ।