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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

अपनी करनी पार उतरनी
अपने ही हाथ काम पूरा होता है।

अपनी इज्जत अपने हाथ
ओछे के मुँह लगना चाहिए।

अपनी जाँघ, उघारो, अपनी लाजन मारो
घर वालों का कोई दोष प्रकट होने से स्वयं ही लज्जित होना पड़ता है।

अपनी टेक भँजाई, बलमा की मूँछ कटाई
अपनी हठ को पूरा करने के लिए अपनों को हानि पहुँचाने वाले के लिए।

अपनी डाढ़ी को मुसरका पैलें दओ जाता
मलने या मसोसने की क्रिया, अपनी दाढ़ी पहिले मली जाती है, अपनी विपत्ति टालने का प्रयास पहिले किया जाता है।

अपनी नाक कटा कें दूसरन खों असगुन करबो
अपनी नाक कटा कर दूसरों को असगुन करना, दूसरों को हानि पहुँचाने के लिए अपनी हानि कर डालना।

अपनी मताई से कोऊ भट्टी नई कत
अपनी माँ को कोई बुरा नहीं बताता।

अपनी लाज अपने हाथ
अपने सम्मान की रक्षा का स्वयं ही ध्यान रखना चाहिए।

अपनी लार तौ सिमटत नइयाँ जगत्तर कौ भारौ बाँदे
अपनी लार तो सिमटती नहीं, जगत का भार उठाने को तैयार है। अपना काम तो बनता नहीं, दूसरे का करना चाहते हैं।

अपने चना पराई पौर में नई चबाये जात
अपने चना दूसरे की पौर में ले जाकर नहीं चबाये जाते। अपना पैसा खर्च करके दूसरों को यश देना समझदारी नहीं।


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