logo
भारतवाणी
bharatavani  
logo
Knowledge through Indian Languages
Bharatavani

Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

खटपाटी लयें परे
खटपाटी लेकर पड़े हैं, अर्थात् रूठे हुए हैं, किसी विषय पर अप्रसन्न होकर अथवा किसी से रूठ कर घर के किसी एकान्त-स्थान में चारपाई पर चुपचाप करवट लेकर लेट जाने और बात न करने को खटपाटी लेकर पड़ना कहते हैं।

खता मिट जात पै गूद बनी रत
क्षत, फोड़ा, घाव फोड़ा भर जाता है परन्तु उसका चिन्ह बना रहता है, मन में चुभी बात कभी दूर नहीं होती।

खता में खता, ढका में ढका
पीड़ा के स्थान में और भी पीड़ा आकर उत्पन्न होती है, हानि में और भी हानि होती है।

खाँड़ बिना सब राँड़ रसोई
शक्कर के बिना भोजन किसी काम का नहीं।

खाई गकरियाँ गाये गीत, जे चले चैतुआ मीत
हाथ की बनी छोटे आकार की मोटी रोटी, बाटी, चैत की फसल काटने वाले मजदूर, जो फसल के दिनों में झुंड के झुंड बाहर निकलते हैं, जहाँ तक काटने के लिए खड़ी फसल मिलती है आगे बढ़ते जाते हैं और कटाई का काम समाप्त हो जाने पर फिर घरों को लौट जाते हैं, स्वार्थी निर्मोही व्यक्ति के लिए प्रयुक्त।

खाकें पर रइये, मार कें भग जइये
खाकर लेट जाय, मार के भाग जाय।

खाबे को मौआ, पैरवे कों अमौआ
एक प्रकार का खाकी रंग जो आम के पत्तों से बनता है, आम के पत्तों से बने हुए रंग में रँगा कपड़ा, खाने को महुआ, पहिनने को अमोआ, संतोषी का कथन।

खुसामद से आमद है
खुशामद से ही पैदा मिलता है।

खूंटा के बल बछरा नाचे
किसी के बल-बूते पर ही आदमी किसी बड़े काम को करने की हिम्मत करता है।

खेती में तुर्त-फुर्त और व्यापार में धैर्य से काम लेने पर ही सफलता मिलती है ।
=CONCAT(A10,B10)
खेती में तुर्त-फुर्त और व्यापार में धैर्य से काम लेने पर ही सफलता मिलती है ।।


logo