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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

ठंडो नहाय, तातौ खाय, ताकें बैद कबहुँ ना जाय
नित्य ठंडे पानी से नहाने और गरम खाना खाने से कभी बैद्य की आवश्यकता नहीं पड़ती।

ठठेरे ठठेरे बदलाई नई होत
एक-सा काम या व्यवसाय करने वालों में आपस में लेन-देन का झगड़ा क्या।

ठगे गये, लाभ की आशा से काम करने पर उल्टी हानि उठा गये।
=CONCAT(A436,B436)
ठगे गये, लाभ की आशा से काम करने पर उल्टी हानि उठा गये।।

ठोकर खाकर गिरना, दाँत टूटना, मुँह की खाना।
=CONCAT(A450,B450)
ठोकर खाकर गिरना, दाँत टूटना, मुँह की खाना।।

ठगे गये, लाभ की आशा से काम करने पर उल्टी हानि उठा गये।

ठोकर खाकर गिरना, दाँत टूटना, मुँह की खाना।


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