ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त जिसके रहने का कोई पक्का ठिकाना न हो।
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=CONCAT(A95,B95)
ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त जिसके रहने का कोई पक्का ठिकाना न हो।।
ऐसे निश्चिन्त मनुष्य का कथन जिसे किसी का कुछ लेना-देना नहीं।
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=CONCAT(A108,B108)
ऐसे निश्चिन्त मनुष्य का कथन जिसे किसी का कुछ लेना-देना नहीं।।
ऐसे काम में पड़ना जिसमें व्यर्थ की खींचातानी सहनी पड़े।
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=CONCAT(A198,B198)
ऐसे काम में पड़ना जिसमें व्यर्थ की खींचातानी सहनी पड़े।।
ऐसी वस्तु जिसे न तो छोड़ते ही बने और न ग्रहण करते हैं।
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=CONCAT(A243,B243)
ऐसी वस्तु जिसे न तो छोड़ते ही बने और न ग्रहण करते हैं।।
ऐसे स्थान पर पहुँच जाना जहाँ खूब खाने को मिले।
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=CONCAT(A264,B264)
ऐसे स्थान पर पहुँच जाना जहाँ खूब खाने को मिले।।
ऐसा बेशर्म आदमी जिस पर कोई उपदेश काम ही न करें ।
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=CONCAT(A293,B293)
ऐसा बेशर्म आदमी जिस पर कोई उपदेश काम ही न करें ।।
ऐसा बैल जिसके सींग टूट कर गिर गये हों, कटी हुई फसल का दाना निकालने के लिए उसे जमीन में बिछा कर बैलों से कुचलवाने की क्रिया।
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=CONCAT(A378,B378)
ऐसा बैल जिसके सींग टूट कर गिर गये हों, कटी हुई फसल का दाना निकालने के लिए उसे जमीन में बिछा कर बैलों से कुचलवाने की क्रिया।।
ऐसी अयोग्य संतान के संबंध में जिससे कुल को बट्टा लगे।
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=CONCAT(A380,B380)
ऐसी अयोग्य संतान के संबंध में जिससे कुल को बट्टा लगे।।
ऐसा व्यक्ति जो किसी गिनती में न हो, कहावत का प्रयोग ऐसे अवसर पर होता है जब किसी आदमी की कोई वक्त न हो, परन्तु फिर भी बिना पूछे वह बीच में अपनी राय देने के लिए आ जाये।
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=CONCAT(A407,B407)
ऐसा व्यक्ति जो किसी गिनती में न हो, कहावत का प्रयोग ऐसे अवसर पर होता है जब किसी आदमी की कोई वक्त न हो, परन्तु फिर भी बिना पूछे वह बीच में अपनी राय देने के लिए आ जाये।।