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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

बँदरा बैल जेठो पूत, जौ बिर्रे कौ कड़े सपूत
भूरे रंग का बैल और जेठा लड़का जिस किसी का ही अच्छा निकलता है।

बँदी मुठी लाख की
जब तक किसी के घर की असलियत लोगों पर प्रगट नहीं होती तब तक वह बड़ा आदमी ही माना जाता है।

बऊ आई तौ सबनें जानीं
विशेष घटना घटित होने पर सब पर प्रकट हो जाती है।

बऊत गंगा में हात धोलो
चलते काम में यश ले लो।

बऊ नौमीं कै बेगर
बहू अच्छी या बेगर, पैसा खर्च करने से ही काम अच्छा बनता है, उसके लिए किसी को श्रेय देना व्यर्थ है।

बऊ सरम की, बिटिया करम की
बहू लज्जाशील और बेटी भाग्यवान अथवा कर्मठ अच्छी होती है।

बखत परे की बात
भाग्य की बात।

बगलें बजाओ
बहुत आनंद मनाना।

बचपन की बाँधी लच्छमी
लक्ष्मी सत्य के वश में है।

बछिया के ताऊ
मूर्ख।


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