किसी स्त्री का अपने मूर्ख पति के प्रति कथन। यह पाली नाम-सिद्धि जातक है। बुन्देली में इसकी कथा इस प्रकार है - एक स्त्री के पति का नाम था ठनठनरा। उसको यह नाम पसंद नहीं था। वह पति के लिए कोई अच्छा नाम ढूढंने के लिए निकली। व्यक्ति लकड़ियों का बोझ लिए जा रहा था। उसका नाम था लाखन। दूसरा घास खोद रहा था। उसका नाम था धन-धनरा। एक व्यक्ति मर गया था और उसकी अरथी जा रही थी, उसका नाम था अमर। स्त्री ने यह सब देख सुन कर मन में सोचा कि नाम से कुछ आता जाता नहीं मेरे पति का जो नाम है वही अच्छा और उसने ऊपर की गाथा कही।