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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

ओंधे मों डरे
परास्त हुए पड़े हैं।

ओई पतरी में खायें, ओई में छेद करें
जिसका खायें उसी में हानि पहुँचायें।

ओछी पूँजी खसमें खाय
थोड़ी पूँजी धनी को खा जाती है।

ओली में गुर फोरबो
लुके-छिपे काम करने का प्रयत्न।

ओस के चाटें प्यास नई बुझत
जहाँ अधिक की आवश्यकता है वहाँ थोड़े से काम नहीं चलता।

ओछे के मुँह लगना चाहिए।
=CONCAT(A33,B33)
ओछे के मुँह लगना चाहिए।।

ओछे आदमी के पेट में की बात नहीं रहती।
=CONCAT(A812,B812)
ओछे आदमी के पेट में की बात नहीं रहती।।

ओछे के मुँह लगना चाहिए।

ओछे आदमी के पेट में की बात नहीं रहती।


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