दूसरों का अनुकरण करके चलने में हानि उठानी पड़ती है।
हँसी की हँसी और दुःख कौ दुःख
एक साथ हँसी और दुख की बात।
हम का गदा चराउत रये
हम क्या गधे चराते रहें अर्थात् हम क्या निरे मूर्ख हैं।
हम फूटे तुम जाँजरे हरई के भेंट लो
हम फूटे हैं और तुम जर्जर, धीरे से भेंट लो, किसी मामले में परस्पर झगड़ा न करने और आसानी से काम निकाल लेने के लिए कहते हैं।
हमें कोन तुमसें मूसर बदलवॉवने
हमें तुमसे क्या मतलब, तुम्हारे बिना हमारा कोई काम अटका नहीं रहेगा विवाह में घर से चलते समय वर के सिर पर से मूसल निकालने की प्रथा बुन्देलखण्ड की सभी जातियों में प्रचलित है। कहावत उसी पर आधारित है, एक स्त्री दूल्हा के पीछे खड़ी हुई दूसरी स्त्री को सिर पर से मूसल देती है और वह फिर उसे लौटा देती है, इस प्रकार सात बार मूसल बदला जाता है।
हर हाँके भूँकन मरें, बाबा लाडू खायँ
जी तोड़ परिश्रम करने वाले तो भूखों मरते हैं और निठल्ले मौज उड़ाते हैं।
हराम की कमाई हराम में गई
अन्याय का पैसा व्यर्थ ही जाता है। हरी खेती गाभन गाय, तब जानों जब मों में आय, ठाँड़ी खेती।
हरौ हरौ सूजत
सब काम आसान जान पड़ते हैं, पैसे की कद्र न करने पर प्रयुक्त।