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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

ऊँट की चोरी निहुरे निहुरे
बड़े काम चोरी छिपे नहीं होता।

ऊँट के मों में जीरो
बहुत खाने वाले को थोड़ी वस्तु देना।

ऊँट का चूमा ऊँटई लेत
बड़ों का काम बड़ों से ही सटता है।

ऊँटन खेती नई होत
ऊँटों से खेती नहीं होती, हर काम के लिए उपयुक्त साधन की आवश्यकता होती है।

ऊँट पै चढ़कें सबै मलत आउत
ऊँट पर चढ़के सभी को मलकना आ जाता है, उच्च पद प्राप्त होने पर सभी को गर्व हो जाता है।

ऊदल ब्याहन कों ना रैहें, बातें कैबे कौंरे जैहे
अर्थात् किसी एक व्यक्ति विशेष के बिना काम अटका नहीं रहेगा, परन्तु कहने को रह जायगी कि अवसर पर साथ नहीं दिया।

ऊधौ को लेन, न माधौ कौ दैन
ऐसे निश्चिन्त मनुष्य का कथन जिसे किसी का कुछ लेना-देना नहीं।

ऊनें सो बरसेई
बादल जब घिरे हैं तब बरस कर ही रहेंगे।

ऊमर फोरो न परखा उड़ाओ
न कोई बुरा काम करो और न उसका परिणाम भोगना पड़े।

ऊसरा कौ बीज
ऊसर का बीज, व्यर्थ परिश्रम, ऊसर जमीन में बीज बोने से नहीं उगता।


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