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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

एक अहारी सदा व्रती
एक बार भोजन करने वाला संयम ही माना जाता है।

एक लठिया से सबै हाँकत
एक लाठी से सबको हाँकते हैं।

एकई साधें सब सधे सब साधें सब जाय
एक बार में एक काम ही करना चाहिए, किसी काम के लिए एक आदमी का आश्रय ग्रहण करना ही ठीक होता है।

एक कओ, न दो सुनो
किसी से न एक बुरी बात कहा, न दो सुनो।

एक कान से सुनीं दूसरे से निकार दई
किसी बात पर ध्यान न देना।

एक के पुत्र से सबरो गाँव तर जात
एक आदमी के अच्छे काम का सब पर प्रभाव पड़ता है।

एक घड़ी कौ बुरआसन जनम भरे कौ सुक्ख
बुराई, नाहीं करने से कोई बुरा मान जाय तो मान जाय, पर हमेशा के लिए बला तो टल जाती है।

एक जनें से दो भले
कहीं यात्रा में जाना हो तो एक से दो अच्छे।

एक तबा की रोटी, का छोटी का मोंटी
समान वस्तुओं में छोटी-बड़ी का क्या प्रश्न।

एक तो गड़ेरिन और लासन खायें
गड़रिया की स्त्री, गंदगी में और भी गंदगी।


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