जहाँ दो बातें की कोई तुलना न की जा सके, एक अधिक अच्छी और दूसरी नितान्त बुरी हो।
काऊ की बऊ कोऊ बरा बदलावे
टेहूनी से ऊपर हाथ में पहिनने का चाँदी या सोने का आभूषण, किसी की बहू और कोई सराफ की दुकान पर उसका बरा बदलवाने जाए जब कोई अनुचित रूप से किसी के काम में हस्तक्षेप करे, अथवा बुरी नीयत से किसी की सहायता को उद्यत हो।
कागद होय तौ बांचिये, करम न बाँचे जायें
कागज में लिखे हुए को तो पढ़ा जा सकता है, परन्तु कर्म में लिखे को कोई नहीं पढ़ सकता।
काजर लगाउतन आँख फूटी
काजल लगाते आँख फूटी, अच्छा करते बुरा हुआ।
कानखूजरे कौ एक गोड़ो टूट जाय तौं लूलौ नई हो जात
कानखजूरे का एक पैर टूट जाय तो वह लँगड़ा नहीं हो जाता, बड़े आदमी का यदि थोड़ बहुत नुकसान हो वह उसे नहीं अखरता।
कान छिदाय सो गुर खाय
जो कष्ट उठायोग उसे आराम भी मिलेगा।
कान मे ठेंठे लगा लये
अर्थात् किसी की बात नहीं सुनने, अथवा सब ओर से तटस्थ हैं।
आँख पर का उभरा मांस-पिंड, आँख पर का सफेद धब्बा जो चोट लगने अथवा चेचक में आँख के नष्ट होने पर पैदा हो जाता है, कानी-अपना टेंट तो देखती नहीं, दूसरे की फुली लेट लेट कर झाँकती है, स्वयं अपना बड़ा दोष न देख कर दूसरे की साधारण त्रुटि को देखते फिरना।
कानी के ब्याव में सौ जोखों
जिस कार्य के पूरा होने में शंका हो उसमें विघ्न भी बहुत पड़ते हैं।