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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

कुआ के मेंदरे
कुएँ का मेढक, अनुभवहीन व्यक्ति।

कुटी दबाई और मुड़ो सन्यासी
पिसी दवा और मुड़ा सन्यासी इनको पहिचानना कठिन है।

कुठिया धोएँ काँदो हात
अनाज रखने का मिट्टी का कुठीला, कुठिया धोने से केवल कीचड़ हाथ आती है, छोटे आदमी को तंग करने से कोई लाभ नहीं होता।

कुतियाँ प्रागै जेयँ तौ हँड़िया को चाट
कुतियाँ प्रयाग जायेंगी तो फिर हाँड़ी कौन चाटेगा, यदि छोटे आदमी बड़ा काम करने लगें तो फिर छोटों का काम कौन देखेगा।

कुत्ता की चाल जाओ, बिलैया की चाल आओ
शीघ्र जाओ, शीघ्र आओ।

कुत्ता की पूंछ बारा बरसें पुँगरिया में राखी, जब निकरी तब टेड़ी की टेड़ी
कुत्ते की पूँछ बारह वर्ष तक नली में रखी गयी, परन्तु जब निकली तब टेढ़ी की टेढ़ी, किसी मनुष्य की बुरी आदत कठिनाई से छूटती है।

कुत्ता घसीटी में परबो
ऐसे काम में पड़ना जिसमें व्यर्थ की खींचातानी सहनी पड़े।

कूकुर कौ मुंस लड़इया
गीदड़, एक के लिए दूसरा बढ़कर।

कैंकरे कौ जाव माटी कुकेरत
केंकड़े का बच्चा पैदा होते ही मिट्टी कुरेदता है, जिसका जो जन्मगत स्वभाव होता है वह नहीं छूटता।

कैबे की लाज, न सुनवे की सरम
निर्लज्ज के लिए।


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