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Pramanik Vrihad Bundeli Shabd Kosh : Bundeli Kahavaten

एक थैलिया के चट्टा-बट्टा
सब एक से, कोई घट-बढ़ नहीं।

एक दाँत कौ मोल करौ, बत्तीसऊ खोल दये
व्यर्थ दाँत निकालने में प्रयुक्त।

एक नारी सदा ब्रह्मचारी
एक स्त्री वाला भी सदा ब्रह्मचारी ही माना जाता है।

एक पाख दो गहना, राजा मरै के सहना
शहना, शासक, कोतवाल, कर -संग्रह करने वाला। ग्रहण के संबंध में लोक-विश्वास यदि एक पखवारे में दो ग्रहण पड़ें तो राजा मरे या शासक।

एक पै एक ग्यारा
एक स्थान पर दो आदमी मिल जायें तो बड़ा काम कर सकते हैं, संघ में बड़ी शक्ति होती है।

एक बिछौना सोओ और आँग से आँग लगै नई
कोई काम करो भी और उसके परिणाम से भी बचना चाहो, ये दोनों संभव नहीं।

एक बेर जोगी, दो बेर भोगी, तीन बेर रोगी
योगी दिन में एक बार, और भोगी दो बार शौच जाता है, इससे अधिक बार जाय तो उसे रोगी समझना चाहिए।

एक म्यान में दो तरवारें नई रतीं
किसी एक ही वस्तु पर दो का अधिकार नहीं हो सकता।

एक हात से तारी नई बजत
झगड़ा कभी एक ओर से नहीं होता। दो मनुष्यों में यदि एक लड़ाकू न हो तो कभी लड़ाई नहीं हो सकती।

एकान्त बासा, झगड़ा न झाँसा
अकेला रहना सबसे अच्छा।


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