अबेवीली
पुरापाषाणकालीन संस्कृति जिसका नाम उत्तरी फ्रांस के अबेवील नामक स्थान पर पड़ा। इस संस्कृति का प्रमुख उपकरण, द्विपृष्ठीय परस्पर हस्तकुठार था, जिसका सिरा नुकीला तथा निचला हिस्सा भारी होता था। इस संस्कृति का उद्भव अफ्रीका से माना जाता है। सर्वप्रथम अबेवीली उपकरण फ्रांस में मिले।
Abkhasian people
अबरवासी जन
कृष्ण सागर के पूर्वी तटवर्ती जार्जिया के निवासी।
abrader (=abraser)
अपघर्षक
एक प्रकार का प्रागैतिहासिक उपकरण, जो किसी दूसरी वस्तु या उपकरण को घिसने के काम में लाया जाता था। इससे रगड़ कर उपकरणों या वस्तुओं में धार बनाई जाती थी या उन्हे चिकना बनाया जाता था।
absolute chronology
निरपेक्ष कालानुक्रम
काल-निर्धारण का एक प्रकार, जिसमें किसी स्थल या उसमें प्राप्त वस्तुओं का, ऐसी प्रविधियों से अध्ययन किया जाता है, जो उसकी निश्चित तिथि बताती है। यह निर्धारित तिथि ठोस वैज्ञानिक निष्कर्षो पर आधारित होती है। निरपेक्ष कालानुक्रम में मुख्यतः निम्नलिखित प्रविधियों का आश्रय लिया जाता हैः-कार्बन 14 तिथिनिर्धारण, वृक्ष कालानुक्रमिकी तापसंदीप्ति काल-निर्धारण (thermoluminiscent chronology), पोटेशियम आर्गन काल-निर्धारण एवं पुराचुंबकत्व प्रविधि। प्रागितिहास में किसी घटना की निश्चित तिथि निर्धारित नही की जा सकती। निरपेक्ष तिथि को भी सौ-सौ वर्षों के कोष्ठकों में दिया जाता है।
Abu Simbel
अबू सिम्बल
नूबिया में मिस्र के अठारहवें शासक फराहो रेमज़े द्वितीय (लगभग ई. पू. 1250) द्वारा बनाए गए दो मंदिरों का स्थान। अबू सिम्बल के प्रवेश द्वार के दोनों ओर 18 मीटर से भी अधिक ऊँची चार महाकाय तक्षित मूर्तिया हैं।
आस्वान बांध के बनाते समय, इन दोनों मदिरों को जलमग्न होने से बचाने के लिए पार्श्ववर्ती पर्वत को उभार कर उठाया गया। इन मंदिरों तथा इनकी मूर्तियों की महत्वपूर्ण पुरातात्विक निधियों में की जाती है।
aceramic neolithic
मृदूभांड रहित नवपाषाणकाल
वह नवपाषाणकाल जिसमें खेती अथवा पशुपालता तो था, परन्तु मृद्भांडों का प्रयोग न था। ऐसी प्रारंभिक अवस्था भारतीय महाद्वीप में मेहरगढ़ (बलूचिस्तान) व गुफक्राल (कश्मीर) तथा पश्चिम एशिया के कुछ स्थानों (यथा जेरोको व जरमो) और यूनान (यथा सेस्कलो) में मिलती है।
acerra
1. धूपदान
धूप या लोबान रखने का पात्र।
2. वहनीय बेदी
चिता के सामने रखी जानेवाली लघु वेदी, जिसे लाया-ले जाया जा सके।
achech
ईहामृग, सिंहपक्षी
मिस्री मिथक का एक काल्पनिक जीव, जिसके शरीर का आधा भाग सिंह तथा आधा भाग पक्षी का होता था।
Acheulean
ऐश्यूली
फ्रांस की सोम घाटी में स्थित सेंट ऐश्यूल की निम्न पुरापाषाण कालीन संस्कृति से बाद की है। इस काल में पाषाण उपकरणों की निर्माण प्रक्रिया में कुछ तकनीकी खोजों का विकास हुआ।
लीके के मतानुसार, ऐश्यूली उद्योग का विकास यूरोप के बाहर मिंडेल हिमावर्तन-काल तथा यूरोप में मिडेल-रिस हिम-प्रत्यार्तन काल में हुआ था। इन उपकरणों के बनाने में नियंत्रित शल्कीकरण प्रविधि का प्रयोग होता था। इनके शल्क-चिह्न छिछले, क्रमिक तथा छोटे होते थे। उपकरणों का शल्कीकरण काफी व्यवस्थित था। भारतीय प्रागितिहास में ऐश्यूली शब्द का प्रयोग केवल सांस्कृतिक अर्थ में होता है। इनकी प्रमुख विशेषता सब तरफ की धारवाले द्विपृष्ठीय उपकरण हैं। हस्तकुठारों में अंडाकार और हृदयाकार कुठार उल्लेखनीय हैं। कहीं-कहीं विदारणी का भी प्रयोग मिलता है।
acoustic vessels
ध्वनिवर्धक पात्र
बड़े आकार के पात्र विशेष, जो गिरजाघरों की घंटा-मीनारों की घंटा-मीनारों के घंटे की ध्वनि को बढ़ाने के लिए प्रयुक्त होते थे। ऐसे पात्र, ईसवी नवीं से ईसवी ग्यारहवीं शताब्दी के गिरजाघरों में मिले हैं। संरचित पात्रों का मृद्भांडों से मिलान कर अनेक गिरजाघरों के काल-निर्धारण में सहायता मिलती है।