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Definitional Dictionary of Archaeology (English-Hindi)
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tablet
पटिया, पट्ट प्रायः लघु आकार का समतल पट्ट, पाषाण-खंड या छोटी सिल्ली, जिस पर लेख या आकृति तक्षित हो। इस प्रकार की पट्टी, पत्थर, मिट्टी या किसी धातु की बनी होती है। भरहुत तथा साँची में अधोलिखित पट्टिकाएँ बहुत अधिक संख्या में मिली हैं।

Tablet of homage
आयागपट्ट जैन धर्म में, पूजा-अर्चा के लिए प्रयुक्त प्रायः वर्गाकार या आयताकार शिलापट्ट, जिसके मध्य में तीर्थकर की लघु प्रतिमा बनी होती है और प्रतिमा के चारों ओर अनेक मांगलिक प्रतीक और अलंकरण भी बने होते हैं। मथुरा में प्राप्त हुए अनेक आयाग-पट्टों पर ब्राह्मी लेख मिले हैं। परवर्ती आयाग-पट्टों पर चौबीस तीर्थंकरों की प्रतिमाओं को 'चौबीसी' की संज्ञा दी जाती है।

tabulatum
काष्ठकर्म, दारुकर्म प्राचीन रोम में, लकड़ी की बनी फर्श, आभ्यंतरिक दीवार, अंतश्छद, बारजा या इसी प्रकार की अन्य बहिर्गत संरचना के लिए प्रयुक्त शब्द।

tachymeter (=tacheometer)
उत्सेधमापी, जवमापी, टैकीमीटर परातात्विक सर्वेक्षण में प्रयुक्त उपकरण विशेष, जिसके द्वारा किसी वस्तु की दूरी, दिशा, ऊँचाई और स्थिति आदि विषयक ज्ञान शीघ्रता से प्राप्त किया जाता है।

tang
चूल, टेंग किसी आयुध या उपकरण के फल के ठीक नीचे का निकला हुआ संकीर्ण भाग जिसमें काष्ठ या अस्थि दंड फँसाया जाता था। पाषाण काल से ही इसके प्रमाण मिलने लगते हैं। कांस्यकालीन आयुधों और उपकरणों के चूल विकसित अवस्था में मिलते हैं जिनमें कीलें फँसाने के लिए छिद्र बने होते हैं।

tankard
पानपात्र एक हत्थेवाला बड़े आकार का प्याला जिससे तरल पदार्थ को पिया जाता था। चाँदी और जस्ते के बने ढक्कनदार प्याले भी मिले हैं। प्राचीन यूनान व रोम में मिले मिट्टी के टब की तरह के बर्तनों को भी इसी नाम से अभिहित किया जाता है।

tapestry
चित्रपट हाथ से बुना मोटा कपड़ा, जिसकी बनावट में, विभिन्न आकृतियाँ, लता, बेलबूटे आदि बने हों। प्राचीन काल से ही इस प्रकार के वस्त्र का प्रयोग पर्दे बनाने और फर्नीचरों को मढ़ने के काम में किया जाता था। भारत में, मंदिरों की दीवारों पर बुने हुए वस्त्र के चित्रित पर्दों को लगाया जाता था।

Tardenosian Culture
तार्देनोज़ी संस्कृति दक्षिण-पश्चिमी फ्रांस के तार्देनोएज़ नामक स्थल के उत्खनन के परिणामस्वरूप ज्ञात मध्यपाषाणकालीन संस्कृति, जो स्पेन, फ्रांस, बेल्जियम, ब्रिटेन, दक्षिणी एवं मध्य जर्मनी, पोलैंड तथा रूस में भी प्रचलित रही है। इस मध्यपाषाणकालीन संस्कृति का आरंभ काल ई. पू. 6000 से ई. पू. 4000 माना जाता है। इस संस्कृति के प्रमुख उपकरणों में, अनेक समलंबी बाणाग्र जिनका कार्यांग छेनी की तरह होता था, चकमक के छोटे-छोटे शल्क तथा अन्य लघु पाषाण उपकरण हैं। यह संस्कृति मध्यपाषाणकालीन सावेतेरी(Sauveterian) संस्कृति के बाद विकसित हुई और नवपाषाणकालीन कृषकों के आगमन के साथ समाप्त हो गई।

Tasian beakers
तासी बीकर, चंचुआकार प्याला चिड़िया की चोंच के आकार जैसे कोने वाले प्याले, जिन्हें बडेरियाई संस्कृति से पूर्ववर्त्ती मिस्र के नवपाषाणकालीन युग का माना जाता है। देखिए : 'Tasian civilization'.

Tasian civilization
तासी सभ्यता ऊपरी मिस्र की पूर्वराजवंशीय नवपाषाणकालीन संस्कृति, जिसका नामकरण देर-तासा (Deir Tasa) नामक प्ररूप स्थल के आधार पर हुआ। तासी सभ्यता अब वस्तुतः बडेरियाई संस्कृति का ही स्थानीय रूप माना जाता है। देर-तासा आदिम कृषकों का सन्निवेश था।


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