झापोतेक
मेक्सिको के ओक्सका नदी की घाटी के प्राचीन निवासी। इनका प्रमुख केंद्र ओक्सका की घाटी में स्थित मोंट एल्बन नामक स्थान था। लगभग ई. 300 में, इस विशिष्ट संस्कृति के प्रमाण मिलने लगते हैं। लगभग ई. 1400 में, इनके बहुत बड़े क्षेत्र में मिक्सतेक लोगों ने अधिकार कर लिया। इनकी संस्कृति अत्यधिक उन्नत थी। इनकी भाषा मेक्सिको के प्रसिद्ध भाषायी परिवार में से एक है। ये लोग कर्मकांडीय संस्कृति के जनक थे। इन्होंने एक पंचांग का आविष्कार किया और लेखन की एक विशिष्ट शैली या प्रणाली भी प्रवर्तित की।
Zend-Avesta
जेंद-अवेस्ता
प्राचीन ईरान के जरदुस्त धर्म से संबंधित पवित्र धर्म-ग्रंथ टीका जिसे आज भी पारसी धर्मानुयायी पवित्रतम ग्रंथ के रूप में मानते हैं।
Zephyr (zephyrus)
जेफिरस
यूनानी देव-शास्त्र में पछुआ हवा का मानवीकृत रूप।
zeus
देवपति, जीयस
यूनान का प्रसिद्ध सर्वोच्च ओल्मपियाई देवता। इसकी उपासना होमर काल से ही पूरे यूनान में प्रचलित थी। यूनानी अपनी उत्पत्ति इसी देवता से मानते हैं। इसका समीकरण रोम के जूपिटर तथा ऋग्वैदिक देवता द्योस के साथ किया जाता है। जीयस मुख्यतः आकाश का देवता कहा जाता है। प्रारंभ में ये प्रकृति के विभिन्न तत्वों, यथा वर्षा, वायु, गर्जन तथा बिजली के देवता के रूप में प्रतिष्ठित हुए। बाद में तो ये संपूर्ण मानव जाति तथा देवताओं के जनक के रूप में पूजित हुए।
इसकी अनेक मूर्तियाँ और चित्रित आकृतियाँ प्राचीन यूनान में मिली हैं।
Zhob culture
झोब संस्कृति
उत्तरी बिलोचिस्तान की ताम्रपाषाणकालीन संस्कृति। इस संस्कृति के विशिष्ट मृद्भांडों में लाल लेप के ऊपर काले और लाल रंग में बने चित्र मिले हैं। भांडों पर क्षैतिजाकार पट्टियाँ भी बनी हैं। विशिष्ट अलंकरण अभिप्रायों में रीतिबद्ध ककुदमान वृषभ व हिरण हैं। साधार तश्तरियाँ एवं गहरे चषक इस संस्कृति की विशेषता हैं। प्राप्त अवशेषों के आधार पर कहा जा सकता है कि तत्कालीन भवन कच्ची ईटों से बने होते थे। इस संस्कृति की तिथि ई. पू. चौथी से तीसरी सहस्राब्दी मानी गई है। इस संस्कृति में तांबे का प्रयोग काफी कम मात्रा में मिलता है। झोब संस्कृति के प्रसिद्ध स्थलों में रानाघुंडई विशेष उल्लेखनीय है।
ziggurat
जिगुरेट
मेसोपोतामिया की सभ्यता से संबंधित विशाल प्राचीन पिरामिडाकार मंदिर। यह आयताकार संरचना ऊपर की ओर क्रमशः छोटी और नीचे की ओर चौड़ी होती थी। ऊपर पहुँचने के लिए बाहर की ओर सीढ़ियाँ बनी होती थी। पूजा-स्थल इसके शीर्ष भाग में स्थित होता था। सर्वोत्कृष्ट जिगुरेट के अवशेष उर, बेबिलोन तथा एलाम में मिले हैं। एलाम का चोगा जंबिल जिगुरेट काफी अच्छी स्थिति में विद्यमान है।
Zinjanthropus (=Australopithecus boisei)
जिंजैथ्रोपस (= आस्ट्रेलोपिथेकस बीजी)
ओल्डावाई के प्रथम सतह (Bed I) में प्राप्त आस्ट्रेलोपिथेकस वंश की एक जाति का प्राचीन नाम। इस मानव के जबड़े बड़े विशाल थे परन्तु इनकी लंबाई मात्र 1.20 मीटर तथा वजन 50 पौंड होता था। ठोड़ी विहीन इन मानवों के मस्तक ढालूदार, भौंह-आस्थियाँ उमड़ी हुई तथा मस्तिष्क छोटा होता था जिसकी करोटि धारिता वानर जाति की ही तरह लगभग 400-600cc होती थी। ओल्डवाई से प्राप्त प्रमाणों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि ये गुटिकाश्मों से सरल एवं साधारण उपकरण बनाना जानते थे। पोटेशियम आरगन विधि द्वारा ओल्डवाई गार्ज में प्राप्त जीवाश्म की तिथि लगभग दस लाख पचहत्तर हजार वर्ष पूर्व आँकी गई है। अन्य स्थलों से प्राप्त इस प्रकार के जीवाश्मों की तिथियाँ लगभग 21 लाख से 11 लाख वर्ष पूर्व बताई जाती हैं।
मानव सभ्यता के प्रारंभ के प्राप्त प्रामाणित साक्ष्य इन्हीं मानवों से संबंधित माने जाते हैं।
Zlota pottery
ज्लोटा भांड
नवपाषाण-ताम्रयुगीन दक्षिणी पोलैंड के सेंडोमार्यज़ (Sandomierz) नामक स्थान में स्थित ज्लोटा नामक स्थल के मृद्भांड। उत्खनित शवाधानों में अनेक प्रकार के मिट्टी के बर्तन मिले हैं जिनमें रज्जु अलंकरण भी अंकित हैं। इन मृद्भांडों से यह पता चलता है कि बाडेन संस्कृति से इनका संपर्क होगा।