ताबीज़
एक प्रकार का जंतर ; प्रागैतिहासिक काल से शरीर के विभिन्न अंगों, जैसे बांहों, गर्दन और कमर आदि में धारण की जाने वाली वस्तु, जिसके विषय में, प्राचीन काल से यह धारणा चली आ रही है कि वह वर्तमान और भावी अनिष्टों, जादू-टोनों, दुष्ट ग्रहों के दुष्प्रभावों इत्यादि से रक्षा करता है।
amulet seal
ताबीजी मुहर, ताबीजी मुद्रा
एक ऐसी मुद्रा या मुहर जिसको रक्षा-सूत्र में पिरोकर ताबीज़ के रूप में पहना जाता हो। ऐसा विश्वास था कि मंत्रांकित होने के कारण मुद्राधारक का अनिष्ट नहीं होता था।
An
कांस्य मंजूषा
मूल्यवान लघु वस्तुओं को सुरक्षित रखने का कांसे का छोटा डिब्बा।
anachronism
काल-दोष
काल-क्रम विपर्यय ; किसी ऐतिहासिक घटना के काल-निर्णय में प्रमाद, भूल या गलती हो जाना, विशेषकर किन्ही व्यक्तियों, घटनाओं, वस्तुओं या रीतिरिवाज़ो का काल-निर्धारित करते समय त्रुटि हो जाना।
anachronistic
फाल-दोषयुक्त, काल-भ्रम संबंधी
1. वह ऐतिहासिक वर्णन, व्याख्या या विश्लेषण, जिसमें काल-व्यतिक्रम हो या काल-निर्णय गलत किया गया हो।
2. असंगतियुक्त, अमेलयुक्त, वह परंपरा, प्रथा, रीति, स्थिति या वस्तु, जो वर्तमान परिप्रेक्ष्य से परे हो और जिसकी वर्तमान स्थितियों के साथ संगति न हो।
anaglyph
निम्नोद्भृत अलंकरण
(1) निम्नोद्भृत शैली में उत्कीर्ण ; समुद्भृत अलंकरण।
(2) अलंकरण के लिए उद्भृत धातु-पात्र।
Anasazi (Culture)
अनासाली (संस्कृति)
लगभग ई. प्रथम शताब्दी में विद्यमान मरूस्थलीय संस्कृति, जिसके लोगों ने, एरिजोना उटाह सीमा में, यायावर जीवन को त्याग स्थायी जीवन अपनाया। इस संस्कृति के लोग प्रारेभिक चरणों में मृदूभांड कला से अवगत नहीं थे, किंतु टोकरी बनाने की कला में प्रवीण थे। इन्होंने गहन खेती करना और मिट्टी के बर्तनों का बनाना ई. 400- ई. 700 के मध्य में सीखा। अनासाजी संस्कृति अपने चरमोत्कर्ष पर ई. 1100 से ई. 1300 तक थी।
androgynous image
अर्धनारीश्वर मूर्ति
ऐसी मूर्ति, जिसमें स्री तथा पुरुष दोनों की शारीरिक विशेषताओं को संयुक्त रूप में दिखाया गया हो। भगवानू शिव की अर्धृनारीश्वर मूर्ति इसी कोटि में आती है। भारत मे ई. दूसरी शती से शिव-पार्वती की अर्धनारीशवर प्रतिमाएम मिलती हैं।
androsphinx
नर-व्याल
1. तक्षित सिंह जिसका शीर्ष भाग मानव आकृतियपक्त तथा धड़ सिंह जैसा बना हो। पिरामिड काल में, इस प्रकार के अनेक उदाहरण मिलते है। 'गीज़ा का स्फिक्स' इसी प्रकार की एक कलाकृति है, जो अपने विशाल आकार-प्रकार के लिए जगत्प्रसिद्ध है। भारतीय कला में भी नरव्याल अभिप्राय रहा है।
2. उत्कीर्णित एक काल्पनिक पशु, जिसका मुख स्री का तथा शरीर सिंह का होता है।
anepigraphic
अनंकित; अलिखित
अनुत्कीर्ण; जो किसी शिला पर उत्कीर्ण न हो।