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Definitional Dictionary of Archaeology (English-Hindi)
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architectural sculpture
भवन-निर्माण विषयक मूर्तिकला किसी निर्मित भवन अथवा वास्तु संरचना के अलंकरण या शोभावृद्धि के लिए सहयोजित मूर्तिकला, जिसके अन्तर्गत काष्ठ, पत्थर, मिट्टी या धातु आदि के मेल, उनकी काट-छाँट, तक्षण आदि के माध्यम से भित्ति, छत, स्तंभ, वातायन, गवाक्ष, प्रवेश-द्वार, परिसीमा आदि में आकृति-निरूपण किया जाता है। उन सभी महान् युगों में, जब वास्तुकला और मूर्तिकला का चरमोत्कर्ष हुआ, ये दोनों ललित कलाएँ एक दूसरे के संयोग, सन्निकर्ष और सम्मिलन के फलस्वरूप विकसित और उन्नत हुई। जहाँ मूर्तिकला ने, किसी स्थापत्य रचना, स्तंभ या भवनादि के सामाजिक और ऐतिहासिक उद्देश्य या स्वरूप को रूपायित और प्रकार्यात्मक संबंधों को स्पष्ट किया, वहाँ वास्तुकला ने, मूर्तिकला के सहयोग से अपनी भव्यता में श्रीवृद्धि की। यह उल्लेख्य है कि प्रभावशाली और अपने उद्देश्य में सफल वास्तु संरचना की दृष्टि संरचना की दृष्टि से, उसके निर्माता वास्तुकार और मूर्तिकार के मध्य घनिष्ठ सहयोग, समन्वय और सौहार्द्र का होना परमावश्यक है।

Arctic Small Tool Tradition
आर्कटिक लघु उपकरण परंपरा बेरिंग समुद्र से उत्तरी कनाड़ा के तटीय क्षेत्र तथा पूर्व में ग्रीनलैंड तक विस्तृत एक सामान्य आखेटक परंपरा। इस परंपरा के उपकरण सर्वप्रथम केप डेनबिग, अलास्का में मिले हैं, जिनका काल लगभग ई. पू. 4000 से ई. पू. 1000 माना जाता है। इस परंपरा के प्रमुख पाषाण उपकरणों में ब्लेड, लघु ब्लेड, तक्षणी (ब्यूरिन) खुरचनी तथा कुछ बड़े द्विमुखी नुकीले प्रक्षेपास्र थे।

ard
आर्द, आदिम हल हल का एक आदिम रूप जिसे मनुष्य या पशु खींचते थे, तथा जिसके अग्र भाग में नोकदार फाल होता था। यह खेतों की मिट्टी को केवल कुरेदता था।

area exposure
क्षेत्र-अनावरण व्यवस्थित उत्खनन के लिए किसी क्षेत्र या स्थल का अनावृत किया जाना। यह कार्य बाहरी या ऊपरी मलवे को हटा, खननीय स्थल को खुला रख या खुलाव की स्थिति बना कर किया जाता है। इस कार्य को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है-परीक्षणार्थ खोदी गई खाइयाँ, क्षेत्रोत्खनन तथा मौलिक खाइयाँ। क्षेत्र की खुदाई के उपरांत ही स्थल का वैज्ञानिक अध्ययन किया जा सकता है।

area method
क्षेत्र-प्रणाली इस प्रणाली के अन्तर्गत किसी स्थल विशेष पर स्थित बस्ती की पूर्ण जानकारी प्राप्त होने पर परीक्षणार्थ खाई नहीं खोदी जाती, बल्कि क्षेत्रीय उत्खनन कार्य किया जाता है। क्षेत्रीय उत्खनन कार्य में निम्न बातों का होना आवश्यक है : -- (क) अंकन और नियंत्रण के लिए सुगमता से क्षेत्रीय विभाजन। (ख) मूल आधार-रेखा को क्षति पहुँचाए बिना उत्खनन कार्य का विस्तार। (ग) गहरे उत्खनन में भी पर्याप्त प्रकाश की सुविधा। (घ) उत्खनन-काल में बाहर निकाली गई मिट्टी का निकटस्थ क्षेत्र में इस प्रकार जमाव कि यातायात में कठिनाई उत्पन्न न हो। (ड़) समस्त उत्खनित क्षेत्र का सुगमता से समाकलन। (च) उत्खनन के अंत तक, ऊर्ध्व काट से अधिकतम बिंदुओं की, सतत संदर्भ के लिए सुरक्षा।

Argive school
आरगीव शैली प्राचीन यूनानी नगर-राज्य आर्गोस में विकसित एक विशिष्ट मूर्तिकला की शैली। इन मूर्तियों की विशिष्टता पुरुष शरीर-सौष्ठव और अंग-अनुपात है। इसके प्राचीनतम उदाहरण ई. पू. छठी शताब्दी की कुमारिका-युग्म (कोरी) हैं। डेल्फी की आरगीव शैली के विख्यात मूर्तिकार पोलिक्लितोस (ई. पू. 450 -- ई. पू. 420) था जिसकी खेलकूद प्रतियोगिताओं की कांस्य मूर्तियाँ विश्वप्रसिद्ध हैं।

Argon Potassium Dating
ऑर्गान पोटैशियम काल-निर्धारण पोटैशियम वह मूल तत्व है, जो सभी खनिजों में सामान्यतः पाया जाता है। इस प्रकार का पोटैशियम अणु, पोटैशियम 4 वस्तुतः रेडियोधर्मी होता है और बहुत शीघ्र आर्गान के रूप में विघटित हो जाता है। आर्गान एक गैस है, जो खनिज के कणों में पाई जाती है। पोटैशियम युक्त खनिज की आयु का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि कितनी मात्रा में मूल पोटैशियम आर्गान के रूप में परिवर्तित हो गया। यह तरीका भू-विज्ञानीय काल मापक्रम के लिए उपयोगी होता है। इसके अनुसार चट्टानों की आयु निर्धारित होती है।

ark
मंजूषा, संदूकची, पेटी (1)धन, द्रव्य, या मूल्यवान् वस्तुओं को सुरक्षित रीति से रखने के लिए बनी तिजोरी, ढक्कनदार टोकरी अथवा संदूकची इत्यादि। (2) बबूल (आकेशा) की लकड़ी की बनी स्वर्णजटित आयताकार संदूकची। इस संदूकची में हज़रत मूसा ने दो पाषाणपट्ट सुरक्षित रखे थे, जिनमें धर्मादेश अंकित थे। (3) वह ढकी हुई नौका, जिसमें नूह तथा उनके परिवार के सदस्य महाप्रलय के समय सुरक्षित रहे। अब यह शब्द शरण-स्थल के लिए प्रयुक्त होता है।

Arretine ware
एरिताइन मृद्भांड एक प्रकार का विशिष्ट मृद्भांड। ऐसे बर्तनों का निर्माण तस्कनी के एरितियन प्रदेश में हुआ था। आगे चलकर सम्पूर्ण रोमन साम्राज्य में ऐसे मृद्भांड बनाए जाने लगे। इस प्रकार के मृद्भांड पूर्व रोमन कालीन ब्रिटेन एवं दक्षिण भारत के अरिकमेडु नामक स्थान में भी मिले हैं। ये मिट्टी के पके बर्तन लाल रंग के होते थे, जिन पर आकृतियाँ निम्नोद्भृत रूप में ठप्पे द्वारा बनाई जाती थी। ठप्पों में डिजाइनें काट कर उन्हें मृद्भांडों पर लगाया जाता था। एरिताइन कटोरों के आकार और उन पर बनी आकृतियाँ कला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

arrowhead, (=arrow point)
बाणाग्र तीर के ऊपरी भाग में लगा पत्थर, ह्ड्डी या धातु से बना नुकीला भाग। प्रागैतिहासिक काल से ही पत्थर के बने बाणग्रों का प्रयोग मिलता हैं।


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