किसी उत्तप्त ठोस या द्रव वस्तु से निकले हुए सतत (continuous) स्पेक्ट्रम वाले प्रकाश का अपेक्षाकृत कम ताप वाले किसी अवशोषक माध्यम से गुजरने के पश्चात् बना स्पेक्ट्रम। जिन वर्गों तथा तरंग-दैध्यों का माध्यम में अवशोषण हो जाता है उनकी जगह इसमें काले क्षेत्र, पट्टियाँ अथवा रेखाएं होती हैं।
absorptive power (=Absorptance)
अवशोषकता (=अवशोषण क्षमता )
किसी वस्तु द्वारा अवशोषित ऊर्जा तथा उस पर आपतित विकिरण ऊर्जा का अनुपात।
accelerating anode
त्वरक ऐनोड
कैथोड-किरण-नलिका और अन्य इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों में काम आने वाला एक इलेक्ट्रोड जो इलेक्ट्रॉन-किरणपुंज के वेग को बढ़ाता है। इसके लिए उस इलेक्ट्रोड को कैथोड की अपेक्षा काफी उच्च धनात्मक वोल्टता पर रखा जाता है। इसे त्वरक इलेक्ट्रोड, त्वरक ग्रिड और त्वरक भी कहते हैं।
acceleration
त्वरण
वेग के परिवर्तन की दर। गणित में इसे dv/dt अथवा d2s/dt2से व्यक्त किया जाता है, जो समय t के सापेक्ष वेग का सदिश अवकलज है एवं विस्थापन s का द्वितीय सदिश अवकलज है।
acceleration
त्वरण
वेग की वृद्धि की दर अर्थात् प्रति सेकंड होने वाली वेग-वृद्धि। इसको सेंटीमीटर अथवा फुट प्रति सेकंड में व्यक्त किया जाता है। वेग के समान त्वरण भी सदिश राशि होती है। जब वेग की दिशा का परिवर्तन होता है और मान का नहीं तब त्वरण की दिशा वेग की दिशा से समकोणिक होती है।
acceleration due to gravity
गुरूत्वीय, त्वरण
निर्वात में गिरते हुए द्रव्य पिण्ड में पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण से उत्पन्न त्वरण। इसका मान पृथ्वी के केन्द्र से पिण्ड की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है। समुद्रतल पर इसका माध्यमान 980.6 cm/sec2 या 32.2 फुट/sec2 होता है।
accelerator
त्वरित्र
एक प्रकार का उपकरण जिसमें आवेशित कणों को विद्युत्-चुम्बकीय या स्थिर वैद्युत साधनों द्वारा उच्च वेग प्रदान किया जाता है। ये कण नियंत्रित पथों से त्वरित होकर उच्च ऊर्जा-अवस्था में आते हैं। इसके निम्नलिखित उदाहरण हैं-बीटाट्राँन, साइक्लोट्राँन, ऋजु त्वरित्र, सिन्क्रोसाइक्लोट्रॉन, सिन्क्रोट्रॉन तथा वान डी ग्राफ स्थिर वैद्युत जनित्र।
acceptance angle
स्वीकरण-कोण
फोटोनलिका के प्रसंग में काम आने वाला एक घनकोण जिसके अंदर की सभी आपाती किरणें फोटो कैथोड पर पहुंचती हैं।
acceptor
ग्राही
1. अपद्रव्य रूप कोई तत्व जो जर्मेनियम जैसे अर्धचालक में होल संख्या बढ़ा देता है। उदाहरणार्थ-बोरॉन का एक दस सहस्रांश भाग सिलिकॉन की चालकता को दस लाख गुना बढ़ा देता है। धाराप्रवाह अब मूलतः होल स्थानांतरण के कारण होता है और होल धनात्मक आवेश के तुल्य होने के कारण परिणामी मिश्रधातु p-प्रकार का अर्धचालक कहलाता है। ऐल्युमिनियम, गैलियम और इण्डियम ग्राहियों के उदाहरण हैं जिन्हें ग्राही अपद्रव्य भी कहते हैं।