पूर्णतया अलग किए हुए प्रवर्धक में स्वयं उत्पन्न होने वाले सभी मिथ्या अथवा अवांछित सिग्नल।
amplitude
1. आयाम 2. कोणांक
1. आयाम किसी कण के सरल आवर्त दोलन X=a cos (kt + ɸ) में राशि a जो दोलन के केंद्र से दाईं या बाईं ओर उस बिंदु तक की दूरी होती है जहाँ तक कण जाता है और फिर वापस आता है।
2. कोणांक (क) किसी संमिश्र संख्या को निरूपित करने वाले सदिश द्वारा क्षैतिज अक्ष के साथ बनाया गया कोण । संमिश्र संख्या r(cos ɵ + i sin ɵ) में कोण ɵ उसका कोणांक है।
(ख) ध्रुवीय निर्देंशांकों में ध्रुवांतर रेखा द्वारा प्रारंभिक रेखा के साथ बनाया गया कोण।
ampliltude
आयाम
किसी प्रत्यावर्ती राशि का धनात्मक या ऋणात्मक दिशा में शिखर मान।
amplitude
आयाम
किसी आवर्त गति दोलन या कम्पन में वस्तु का मध्य स्थित से महत्तम विस्थापन।
ampliltude discriminator
आयाम विविक्तिकारी
1. एक ऐसी युक्ति जिससे केवल उन्हीं निवेश सिग्नलों के लिए निर्गत सिग्नल प्राप्त होता है जो परिमाण में पूर्व निर्धारित स्तर से अधिक होते हैं। यह निर्गत सिग्नल प्रायः एक समान आयाम का होता है।
2. आयाम तुलना करने वाला एक परिपथ । तुलना के अतिरिक्त इससे आयामों की अभिदिशा और असमानता का परिमाण भी मिल सकता है ।
amplitude distortion
आयाम-विरूपण
इलेक्ट्रॉनीय प्रवर्धक या अन्य किसी युक्ति में सिग्नल आयाम का एक ऐसा विरूपण जिसमें निर्गत आयाम विदेशी आयाम का रैखिक फलन नहीं होता है।
ampliltude limiter
आयाम-सीमक
एक ऐसी इलेक्ट्रॉनीय युक्ति जिसमें किसी क्रांतिक मान के ऊपर सभी निवेशों के लिए निर्गम का मान नियत होता है। इसका उपयोग आयाम-माडुलन को हटाने और कोणीय माडुलन को प्रेषित करने के लिए किया जा सकता है। दूरदर्शन में F-M ग्राही में अंतिम I-F अवस्था इसका उदाहरण है। ऐसी अवस्था का काम, सभी प्रकार के आयाम-विसरण अथवा किसी F-M सिग्नल में हुए परिवर्तन को दूर करना है। इसे स्वतः शिखर-सीमक, क्लिपर, शिखर-क्लिपर एवं शिखर-सीमक भी कहा जता है।
amplitude modulation
आयाम-माडुलन
एक ऐसा माडुलन जिसमें परिवर्ती अभिलाक्षणिक, वाहक का आयाम होता है। इसमें ध्वनि-चित्र अथवा अन्य प्रेषणीय सिग्नल को अपरिवर्ती आवृत्ति के वाहक के साथ इस प्रकार मिलाया जाता है कि वाहक का आयाम, सिग्नल के अनुसार बदलता रहता है। यह रेडियो-तरंगों द्वारा सूचना-प्रेषण की मुख्य विधियों में से एक विधि है ।
amplitude modulation
आयाम मॉडुलन
एक ऐसा माडुलन जिसमें परिवर्ती अभिलाक्षणिक, वाहक का आयाम होता है। इसमें ध्वनि चित्र अथवा अन्य प्रेषणीय सिग्नल को अपरिवर्ती आवृत्ति के वाहक के साथ इस प्रकार मिलाया जाता है कि वाहक का आयाम, सिग्नल के अनुसार बदलता रहता है। यह रेडियो-तरंगों द्वारा सूचना-प्रेषण की मुख्य रीतियों में से एक रीति है।
ana position
ऐना स्थिति
विकर्णतः विपरीत परमाणुओं पर दो प्रतिस्थापी समूहों की स्थिति। सममिततः संलयित वलयों में α-स्थिति या नैफ्थेलीन वलय में 1,5 तथा 4,8 स्थितियाँ (जो सर्वसम हैं)।