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Definitional Dictionary of Physics (English-Hindi)
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ice
बर्फ (=हिम)
1. ठण्डा होने से उत्पन्न पानी की ठोस अवस्था । यह अवस्था परिवर्तन वायुमंडल के एक ऐटमास्फ़ियर दाब पर 00C ताप पर होता है इसके गलन की गुप्त ऊषअमा 79.74 कैलॉरी प्रति ग्राम होती है । 00C पर इसका घनत्व .916 ग्राम प रति घन सेंटीमीटर होता है ।
2. पानी को हिमांक से नीचे ठंडा करने पर प्राप्त ठोस । शुद्ध अवस्था में यह पारदर्शक, रंगहीन, भंगुर पदार्थ होता है । बर्फ बनने पर पानी का आयतन लगभग 1/11 भाग बढ़ जाता है । इसका आ.घ. 0.9166 है जबकि पानी का आ.घ. 4 डिग्री पर 1 होता है । सामान्य वायुमंडलीय दाब पर यह 0 डिग्री से या 320Fपर बनता है । साधारणतया यह षट्कोणीय क्रिस्टलों के रूप में पाया जाता है । बहुत अधिक दाब पर पानी के क्रिस्टलीकरण द्वारा, ठोस पानी के कम से कम चार रूप प्राप्त किये जा सकते हैं जौ भौतिक दृष्टि से बर्फ से भिन्न होते हं । ये भिन्‍न प्रावस्थाओं में पाये जाते हैं और इनके साम्य - संबंधों का अध्ययन किया गया है । बर्फ के अणु परस्पर हाइड्रोजन आबंधों द्वारा जुड़े रहते हैं ।

ice line (solidification curve)
हिमांक रेखा
विभिन्न दाबों पर बर्फ़ के गलनांक का ग्राफ़ ।

iconoscope
मूर्ति दर्शी, आइकोनोस्कोप
दूरदर्शन में काम ने वाला एक प्रकार का इलेक्ट्रॉन - कैमरा, जिसमें प्रेक्षण किए जाने वाले दृश्य का प्रकाशिक प्रतिबिंब एक प्रकाश सुग्राही मोज़ेक पर फ़ोकस काय जाता है । यह मोज़क फ़ोकस किये हुए प्रतिबिंब के अनुरूप विद्युत - आवेश का चित्राम संचित कर लेता है । एक उच्च वेग इलेक्ट्रॉन किरणपुंज द्वारा मोज़ेक का क्रमवीक्षण होता रहता है, जिससे प्रेषण के लिए चित्र की चमक के अनुसार निर्गत सिग्नल प्राप्त हो जाता है ।

iconoscope
मूर्तिदर्शी आइकोनोस्कोप
टेलिविजन में काम आ वाला एक प्रकार का इलेक्ट्रॉन कैमरा जिसमें प्रेषण किए जाने वाले दृश्य का प्रकाशिक प्रतिबिंब एक प्रकाश सुग्राही मौजेक पर फ़ोकस किया जाता है । यह मौजेक फ़ोकस किए हुए प्रतिबिंब के अनुरूप विद्युत आवेश का चित्राम संचित कर लेता है । एक उच्च वेग इलेक्ट्रॉन-किरण पुंज द्वारा मौजेक का क्रमवीक्षण होता रहता है जिससे प्रेषण के लिए चित्र की चमक के अनुसार निर्गत सिग्नल प्राप्त हो जाता है ।

ideal gas
आदर्श गैस
वह गैस जो गैस-नियमों अर्थात् बॉयल नियम, चार्ल्स नियम और गैलुसेक नियम का पूर्णतः पालन करे । व्यवहार में, कोई भी वास्तविक गैस आदर्श गैस नहीं है । उच्त ताप और निम्न दाबों पर हीलियम, हाइड्रोजन तथा नाइट्रोजन लगभग आदर्श गैसों की भाँति व्यवहार करती है ।

ideal point
अनंतस्थ बिंदु
किसी दिशा में अनन्त पर स्थित कोई बिंदु जिसकी कल्पना प्राक्षेपिक ज्यामिति जैसे विषयों के अन्तर्गत कुछ प्रमेयों में अपवादों के निराकरण के लिए की गई है । जैसे, समतल की प्रत्येक रेखा परस्पर काटती है, और समांतर रेखाओं के लिए यह प्रतिच्छेद बिंदु अनन्तस्थ बिंदु है ।

ideal solution
आदर्श विलयन
कोई द्रव या ठोस विलयन जिसमें प्रत्येक घटक की ऊष्मागतिकीय सक्रियता उसके मोल - अंश के समानुपाती होती है, अर्थात् प्रत्येक घटक राउल्ट - नियम का पालन करता है । ऐसा विलयन अपने शुद्ध घटकों के मिश्रण से बनेगा, जिसकी मिश्रण - ऊषअमा, आयतन - परिवर्तन और आकर्षण - बल शून्य होंगे । ऐसे मिश्रण की ऐन्ट्रॉपी, आदर्श - मिश्रण - ऐन्ट्रॉपी कहलाती है । अत्यनत्र समान पदार्थों, जैसे समस्थानिक तत्वों के मिश्रण ही आदर्श विलयन बनाते हैं किंतु अम्ल के साथ प्राप्त होता है । यह क्लोरीन की क्षारीय विलयनों के साथ अभिक्रिया द्वारा भी लवणों के रूप में प्राप्त होता है । विलयन में यह हल्के सुनहरे पीले रंग का अथवा तनु अवस्था में रंगहीन होता ह । लवणों के रूप में मुख्यतः इसका उपयोग ऑक्सीकारक, विरंजक, रोगाणुनाशक और क्लोरीनकर्मक के रूप में होता ह ।

identity
सर्वसमिका
समता का कोई कथन जिसमें आए हुए किसी भी प्रतीक के लिए कोई भी निश्चित मान देने पर कथन की सत्यता बनी रहती है । इसका चिन्ह होता है यथा (Formula)

ignition point
ज्वलन ताप
वह निम्नताम ताप जो स्फुलिंग या ज्वाला उत्पन्न किये बिना, किसी पदार्थ मं स्वपोषी दहन (self - sustained combustion) को आरंभ करने के लिए आवश्यक हो । परीक्षण - विधि के अनुसार ज्वलन - ताप भिन्न - भिन्न होता है । कुछ पदार्थों के ज्वलन - ताप स प्रकार हैं - ऐसीटोन 1000F ब्यूटेन 8060F, फीनॉल 13190F टॉलूईन 10260F, मैग्नीशियम चूर्ण 8830F आदि ।

ignitron
इग्निट्रॉन
एकल ऐनोड वाला एक पारद वाष्प दिष्टकारी जिसमें विद्युत् धार ऐनोड और पारद कुंड कैथोड के बीच आर्क के रूप में प्रवाहित होती है । यह आर्क प्रत्येक चक्र में एक प्रवर्तक इलेक्ट्रोड द्वारा चालू की जाती है जो पारद कुंड कैथोड मे डूबा रहता है । इग्निट्रॉन का उपयोग प्रतिरोधी वेल्डन, वोल्टता नियमन और स्विचन कार्यों में लगभग 5 ऐम्पियर से लेकर हजारों ऐम्पियर तक की विद्युत् धाराओं का नियंत्रण करने के लिए किया जाता है ।


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