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Definitional Dictionary of Physics (English-Hindi)
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uided wave
निर्देशित तरंग
एक प्रकार की तरंग जिसकी ऊर्जा सीमा के पास या विभिन्न-गुणधर्म वाले पदार्थों के पृथक् करने वाली समानांतर सीमाओं के बीच संकेतित होती है । इस तरंग की संचार-दिशा इन सीमाओं के समांतर ही होती है । तरंग-पृथक ऐसी निर्देशित तरंगों का संचार करते हैं ।

Ulmann reaction
उलमान अभिक्रिया
उच्च ताप पर अनेक धातुओं, विशेषतः तांबे की उपस्थिति में किसी ऐरिल हैलाइड के दो अणुओं से द्विऐरिल यौगिक को बनाना इस अभिक्रिया द्वारा सममित द्विऐरिल पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होते हैं । इससे असममित द्विऐरिल भी प्राप्त किए जा सकते हैं। किन्तु वे कम मात्रा में बनते हैं क्योंकि एक साथ कई उत्पाद बन जाते हैं । जैसे (Fourmula)
यह यह फिटिंग अभिक्रिया का संशोधित रूप है । इस अभिक्रिया का विस्तार धातु फीनोलेट का एरिल हैलाइड के साथ युग्मन कर डाइएरिल ईथर तथा डाइएरिलथायो ईथरों को बनाने के लिए भी किया जा सकता है ।

ultimate analysis
तत्वात्मक विश्लेषण, चरम विश्लेषण
अणु संरचना पर ध्यान दिए बिना किसी यौगिक मे विद्यमान प्रत्येक तत्व की प्रतिशत मात्रा ज्ञात करना । इस शब्द का प्रयोग निकट-विश्लेषण (proximate analysis) के विपरीत होता है ।

ultra - centrifuge
द्रुत अपकेन्द्रित्र
स्वेडबर्ग द्वारा आविष्कृत एक युक्ति जिसमें कोलॉइडी विलयों को अवसादन करने के लिए गुरूत्व से कई गुना अधिक बल प्रयुक्त किया जाता है । इस विधि के द्वारा विलय कणों के अणु-भार और साइज - वितरण ज्ञात किए जा सकते हैं । द्रुत अपकेन्द्रित द्वारा जलीय विलयन में बड़े कार्बनिक अणुओं का और यहाँ तक कि सीजियम जैसे भारी अंकार्बनिक आयनों का भी अवसादन किया जा सकता है ।

ultra - filtration
अतिसूक्ष्म निस्यंदन
छानने की एक विधि जिसमे कोलॉइडी विमा (dimension) वाले कणों को आण्विक और आयनिक पदार्थों से पृथक् कर लिया जाता है । इसके लिए विलय-द्रव को अति सूक्ष्म कोशिका वाली झिल्ली में से निकाला जाता है । इस काम के लिए बहुधा फिल्टर पत्र पर बनाई गई कोलोडियन झिल्लियों का प्रयोग किया जाता है । उन्हें विभिन्न सरंध्रताओं का बनाया जाता है जिससे भिन्न - भिन्न अधिकतम आमाप वले कणों को पृथक् किया जा सके । अतिसूक्ष्म निस्यंदन की क्रियाविधि केवल चालनी-विधि नहीं है ।इसमें झिल्ली और कोलॉइड की वैद्युत् अवस्थायें भी महत्वपूर्ण होती हैं ।

ultramicroscope
अतिसूक्ष्मदर्शी
एक सूक्ष्मदर्शी जिसमें एक विशेष युक्ति द्वारा 5-10 mµ साइज वाले कणों की उपस्थिति और गति की जाँच की जा सकती है । जब प्रकाश का पुंज किसी कोलॉइडी विलय में फ़ोकसित किया जाता है और टिन्डल प्रभाव का सूक्ष्मदर्शी द्वारा अवलोकन काय जाता है तो कोलॉइडी साइज के कण , जैसे कोहरे की बूंदें या धुएँ के कण, प्रकीर्णित प्रकाश से दीखने लगते हैं । अतिसूक्ष्मदर्शी में वास्तविक कण नहीं दिखलाई देता । इस व्यवस्था के द्वारा सूक्ष्मदर्शी में दृश्य प्रतिबिंब न बना सकने वाली बहुत छोटी वस्तुएँ छोटे - छोटे चमकीले कणों के समान दिखलाई देती हैं । इस युक्ति का उपयोग ब्राउनी गति और इलेक्ट्रॉनी आवेश मापने की मिलिकन - बिंदुक विधि में होता है ।

ultraviolet radiation
पराबैंगनी विकिरण
वह विकिरण जो स्पेक्ट्रम में दृश्य बैंगनी प्रकाश के परे होता है अर्थात् लगभग 3600A0 से कम तरंगदैर्ध्य वाला प्रकाश । इसमे दृश्य विकिरण की अपेक्षा अधिक ऊर्जा होती है । यह विकिरण सामान्यतया प्रकाश रासायनिक अभिक्रियाओं को प्रेरित करने में अधिक प्रभावशाली होता है किन्तु उसकी वेधन-क्षमता बहुत कम होती है जो तरंग दैर्ध्य के कम होने के साथ घटती जाती है । साधारणतया काँच, 4600A0 से कम तरंग दैर्ध्य के प्रकाश के लिए अपारदर्शी होता है । स्फटिक लगभग 1800A0 के लिए पारदर्शी होता है, जिससे उनका उपयोग पराबैंगनी प्रकाशिक उपकरणों में प्रिज्मों और लैन्सों को बनाने के लिए होता है ।

unimolecular film
एकाणुक फिल्म
रैले, डेवो, लैंगम्यूर, ऐडम आदि वैज्ञानिकों ने स्टिऐरिक अम्ल जैसे कुछ अविलेय तेलों और वसाओं की फिल्मों को एकाणुक परतों के रूप में बनाया और उनके गुणधर्मों का अध्ययन किया । यह परत पानी के पृष्ठ पर केवल एक अणु मोटी होती है । ऐसी फिल्मों में जलरागी या `शीर्ष` समूह पानी की ओर तथा जलभीत या `पुच्छ` समूह उसके विपरीत और अभिविन्यस्त रहता है । एकाणुक परत में ये अणु सुसंकुलित या अलग-अलग हो सकते हैं । लैंगम्यूर के अनुसार ठोस पृष्ठ पर गैस के अधिशोषण में दो विपरीत क्रियाएँ निहित हैं जो साथ-साथ होती हैं । पहली क्रिया में गैस प्रावस्था से अणुओं का ठोस पृष्ठ पर संघनन होता है तथा दूसरी क्रिया में गैस के ये अधिशोषित अणु उद्वाष्पित होकर पुनः गैस में चले जाते हैं । प्रारम्भ में गैस के सभी अणु पृष्ठ पर संघनित हो जाते हैं । एक अणुक मोटी परत बनाने के बाद अर्थात् पृष्ठ के संतृप्त होने के बाद गतिक साम्यावस्था प्राप्त होती है और तब संघनन दर, अधिशोषण-दर के बराबर हो जाती है ।

unimolecular reaction
एकाणुक अभिक्रिया
एक प्रकार की समांगी गैस अभिक्रिया जिसकी अणु-क्रियाविधि में अभिकारक के केवल एकल-अणु भाग लेते हैं । यद्यपि अनेक अभिक्रियाएँ प्रथम कोटि की होती हैं किन्तु वास्तविक एकाणुक अभिक्रियाएँ बहुत कम होती हैं । कुछ ऐल्किल हैलाइडों का तापीय अपघटन इसका उदाहरण माना जाता है । रेडियोऐक्टिव तत्वों का विघटन वास्तविक एकाणुक नाभिकीय अभिक्रियाएँ हैं। देखिए - molecularity of reaction.

uniphase process
एक-प्रावस्था प्रक्रम
रेजिनों और वार्निशों को बनाने में प्रयुक्त एक विधि । इसमें तेल, रेजिन या फीनॉलीय क्षारक और पॉलिहाइड्रिक क्षारक आदि को एक पात्र में लेकर, वाँछित ताप पर क्रिया की जाती है । रेजिन अम्ल और ऐल्कोहॉल, तेल की उपस्थिति में क्रिया कर रेजिन बनाते हैं और इसी बीच स्वयं तेल का भी बहुलकन हो जाता है । फलस्वरूप, परिसज्जित वार्निश प्राप्त होता है जिसमें वार्निश रेजिन का भी साथ-साथ एस्टरीकरण हो जाता है और तेल का कायन हो जाता है । इस प्रक्रम को कभी-कभी वार्निशों को पकाने की `स्वस्थाने` (in situ) विधि भी कहते हैं ।


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