तीसरे वर्ग का और लैथेनाइड श्रेणी का एक विरल मृदा तत्व । परमाणु - क्रमांक 50, प्रतीक Gd, परमाणु - भार 157.25, संयोजकता 3 । इसके सात प्राकृतिक समस्थानिक ज्ञात हैं । गलनांक 13120, क्वथनांक 30000 । यह पानी के साथ धीरे - धीरे क्रिया करता है तथा तनु अम्ल में विलये और पानी में अविलेय है । यह निम्न तापों पर उच्च चुंबकत्व प्रदर्शित करता है । यह दाह्य है और हवा में जल कर ऑक्साइड बनाता है । इसे लोहपात्र में, NaCl या KCl के साथ इसके क्लोराइड के विद्युत् अपघटन से बनाया जा सकता ह । लोहपात्र ऐनोड का और रैफाइट कैथोड का कार्य करता है । इसका उपयोग न्यूट्रॉन - परिरक्षण, सूक्ष्म तरंग निस्यंदकों में गार्नेट, फॉस्फर - सक्रियक, उत्प्रेरक और टाइटेनियम उत्पादन में ऑक्सीजन के अपमार्जक के रूप में होता है ।
किसी इलेक्ट्रॉनीय तंत्र की दक्षता का एक माप जो प्रवर्धक के प्रसंग में उसकी निर्गम वोल्टात, धारा और शक्ति तथा निवेश वोल्टता, धारा और शक्ति के अनुपात में मापी जाती ह जिसके अनुसार लब्धि को क्रमशः वोल्टता लब्धि, धारा लब्धि और शक्ति लब्धि कहा जाता है ।
gain control
लब्धि नियंत्रण
प्रवर्धक की लब्धि का परिवर्तन करने वाली युक्ति ।
galaxy
1. गैलेक्सी, मंदाकिनी 2. आकाशगंना
1. कोई वृहद् गुरूत्वाकर्षण-बद्ध तारा-निकाय जो समस्त ब्रह्मंड में करोड़ों की संख्या में विद्यामान खगोलीय स्त्ताओं में एक है । ये ही विश्व के संरचनात्मक अंग हैं और इनमें तारों के अतिरिक्त तारा - पुंज, नीहरिकाएँ, अंतरा - तारकीय द्रव्य आदि भी आते हैं । सैकड़ों गैलेक्सियों के फोटो भी खींचे गए हैं और दर्जन से अधिक गैलेक्सियों का विस्तृत अध्ययन भी हुआ है ।
2. आकशगंगाः एक बृहद् तारा- निकाय जिसमें हमारा सौर परिवार एक सदस्य है । इसके अन्तर्गत वे सबी कितने सदस्य किंहीं विचर - मानों के आधार पर बाँटे गए कुछ वर्ग - अंतरालों में से प्रत्येक में आते हैं ।
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गैलेक्सी
1. तारे, गैस और धूलि से भरा हुआ एक विशालकाय तंत्र । इसमें तारों की गति अलग - अलग हो सकती है परन्तु ये सभी गतियाँ परस्पर आश्रित हैं । "आकाश - गंगा" जिसे साहित्य में मंदाकिनी भी कहते हैं तथा सारे मंडल ऐसी ही एक गैलेक्सी के भाग हैं । यद्यपि गलैक्सियों के परिमाप भिन्न - भिन्न होते हैं फिर भी उनके सामान्य गुणधर्म निम्नलिखित रूप से दर्शाये जा सकते हैः अधिकतम व्यास 3 x 104 प्रकाश वर्ष, मध्य मोटाई 5 x 103 प्रकाश वर्ष निरपेक्ष कांतिमान - 20, वेग 3 x 105 m/s, द्रव्यमान 1010, सौर द्रव्यमान, सितारों की संख्या 1011
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Galilean telescope
गैलिलीय दूरदर्शक
इस दूरबीन में अभिदृश्यक लेन्स अभिसारी होता है और उसकी फ़ोकस दूरी लम्बी होती है । नेत्रिका अपसारी होती ह और उसका फ़ोकस दूरी छोटी होती है । इन दोनों के बीच का फासला इनकी फोकस दूरियों के अतंर के बराबर होता है । इस दूरदर्शी द्वारा बना प्रतिबिंब सीधा होता है ।
galvanic cell
गैल्वनीय सैल
यह विद्युत सेल ही का दूसरा नाम है जो इटली के शरीर क्रिया विज्ञान (Physiologist) गैल्वैनी (Galvani 1937 -1798) की स्मृति में रखा गाय है । इन्होंने ही सबसे पहले असमान धातुओं के सम्पर्क से विद्युत् की उत्पत्ति का आविष्कार किया था ।
galvanometer
गैल्वैनोमीटर (धारा-मापी)
कुंडली में प्रवाहित धारा तथा चुंबकीय ध्रुवों की अन्योन्य क्रिया द्वारा क्षीण विद्युत् धारा के मापने का उपकरण । सामान्यतः गैल्वैनोमीटर दो प्रकार के होते हैं - चल चुंबक, चल कुंडली । प्रथम प्रकार मे कुंडली स्थिर होती है और चुंबक घूमता है, दूसरे में चुंबक स्थिर होता ह और कुंडली घूमती है । स्पर्शज्या धारामापी (tangent galvanometer) पहले प्रकार का है । `द` आरसोनबल (D` Arsonval) गैल्वैनोमीटर दूसेर प्रकार का है ।
galvanometer constant
गैल्वैनोमीटर नियांत
वह संख्या जिससे गैल्वैनोमीटर के विक्षेप कोण या उसके किसी फलन को गुणा करने से धारा का मान प्राप्त हो जाता है ।
galvanoscope
गैल्वैनोस्कोप (धारादर्शी)
विद्युत् धारा की उपस्थिति तथा दिशा का सूचक उपकरण । गैल्वैनोमीटर ही के समान इसमें भी धारा एक कुंडली में प्रवाहित होती है और उसके बीच में कीलकित चुंबकीय सूची के विक्षेप किया जाता है किंतु इसमें धारा को नापने का कोई साधन नहीं होता ।