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Definitional Dictionary of Physics (English-Hindi)
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negative absorption
ऋणात्मक अधिशोषण
कुछ विलयनों द्वारा प्रदर्शित परिघटना जिसमें विलेय की सांद्रता पूरे विलयन की अपेक्षा पृष्ठ पर कम होती है । गिब्ज अवशोषण समीकरण के अनुसार जो विलेय, तंत्र का अंतरापृष्ठीय तनाव बढ़ा देता है, ऋणात्मकतः अधिशोषित होता है । उदाहरण के तौर पर सोडियम क्लोराइड के विलयन में ऊपरी पृषअठ पर सोडियम क्लोराइड की सांद्रता कम होती है । इससे सोडियम क्लोराइड के ऋणात्मकतः अधिशोषित होने की पृष्टि होती है ।

neodymium
नियोडिमियम
तीसरे वर्ग का एक विशिष्ट विरल मृदा (लैन्थोनाइड) धात्विक तत्व । परमाणु - क्रमांक 60, परमाणु भार 1444,24, प्रतीक Nd, गलनांक 10240 । यह घन संकुलित षट्कोणीय क्रिस्टलों में प्राप्त होता है । यह सबसे हल्का तत्व है जो α- क्षय प्रदर्शित करता है । यह एक मृदु, आघातवर्ध्य और पीले रंग का तत्व है जो आसानी से बदरंग हो जाता है । इसके 7 समस्थानिक ज्ञात हैं । इसका उपयोग नियोडिमियम के रूप मे लवणों, इलेक्ट्रॉनिकी (लैसर में), मिश्रातुओं, रंगीन कांच में तथा मैग्नेशियम का ऊष्मा रोध बढ़ाने, धातुकर्म अनुसंधान आदि में होता है ।
इलेक्ट्रॉन-संरचनाः
1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6 4d10 4f14 5s2 5p6 6s2

neptunium
नेप्टूनियम
तीसरे वर्ग का ऐकिटनाइड रेडियोऐक्टिव धात्विक तत्व । परमाणु - क्रमां 93, परमाणु भार 237, प्रतीक Np, गलनांक 6400 । इसके सभी समस्तानिक रेडियोऐक्तिव होते हैं जिनमें Np237 सबसे अधिक महत्वपूर्ण है जिसकी अर्ध - आयु 2.25 x 106 वर्ष है । इसे यूरेनियम की न्यूट्रॉनों द्वार बमबारी स प्राप्त किया गया है जहाँ वह प्राकृतिक यूरेनियम द्वारा ट्राइफ्लुओराइड के अपचयन से बनाई जाती है । इसके गुणधर्म यूरेनियम के समान होते हैं ।
इलेक्ट्रॉन-संरचनाः 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6 4d10 4f14 5s2 5p6 5d10 5f14 6s2 6p6 6d10 7s2

Nemst heat theorem
नेन्सर्ट ऊष्मा प्रमेय
इसके अनुसार किसी तंत्र की आंतरिक ऊर्जा और उसकी संगत मुक्त-ऊर्जा उपगामितः (asymptotically) एक-दूसरे के निकट आते-जाते हैं और परम शून्य पर समान हो जाते हैं । प्लांक ने इस प्रमेय को विकसित कर तापगतिकी के तीसरे नियम के रूप में प्रस्तुत किया था देखिए-Third law of thermo-dynamics.

neutrino
न्यूट्रिनो
एक परिकल्पित मूल कण जिसका द्रव्यमान 610-30 ग्राम होता है । इसमें कोई आवेश नहीं होता है तथा इसकी प्रचक्रण क्वांटम संख्या 1/2 होती है । इसे पॉली ने 1927 में नाभिकीय रूपांतरणों में कोणीय संवेग के संरक्षण की व्याख्या करने के लिए अभिगृहीत किया था । इसे प्रयोग द्वारा नहीं पहचाना जा सका है । ऐसा अनुमान है कि यह कई किलोमीटर सघन द्रव्य मे से आसानी से गुजर सकता है ।

niobium
नायोबियम
कोलम्बियम का वैकल्पित नाम । परमाणु-क्रमांक 41, परमाणु भार 92. 91, प्रतीक Nb । पांचवें वर्ग का एक धात्विक तत्व जो सूक्ष्म मात्राओं में अनेक खनिजों में और मुख्यतः पेन्टा - ऑक्साइड, Nb2O5, में पाया ता हैं प्रमार्जित नायाबियम धूसर या सफेद रंग की धातु है जो हवा में खुला छोड़ने पर पीला पड़ जाती है । कुछ विधियों से यह काले चूर्ण के रूप में प्राप्त होती है । यह काय - केन्द्रित सघन संरचना के रूप मे क्रिस्टलित होता ह । गलनांक 24970, क्वाथनांक 51300, घनत्व 8.55, संयोजकता 2 और 5 । यह टैन्टेलम से कम आघातवर्ध्य और तन्य होता है । इसका उपयोग क्रोमियम इस्पातों के निर्माण में होता है क्योंकि इससे उनका संधान आसानी से हो सकता है । यह रिऐक्टर ईंधन के रूप में और ऊष्मारोधी संरचनाओं में भी इस्तेमाल होता है ।
इलेक्ट्रॉन-संरचनाः 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6 4d10 5s1

nobelium
नोबेलियम
ऐक्टिनाइड (णी का एक सांश्लेषिक रेडियोऐक्टिव तत्व । परमाणु - क्रमां 102, प्रतीक No । यह साइक्लोट्रोन में उच्च ऊर्जा वाले C-13 नाभिकों की क्यूरियम पर बमबारी से तैयार किया गया था । इसके साथ समस्थानिक (251257) ज्ञात हैं परंतु इनमें 254 प्रमुख हैं । ये सभी अल्पकालिक होते हैं । इसके रासायनिक गुणधर्म ठीक से ज्ञात नहीं हैं । प्रयोगों से पता चला है कि नोबेलियम त्रिसंयोजी तथा द्विसंयोजी अवस्थाओं में मिलता है और संभवतः द्विसंयोजी अवस्था विलयन में अधिक स्थायी है । इसके उपयोग और यौगिक ज्ञान नहीं हैं ।
इलेक्ट्रॉन-संरचनाः 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6 4d10 4f14 5s2 5p6 5d10 5f14 6s2 6p6 7s2

non - ideal gas
अनादर्श गैस
वह गैस जो आदर्श गैस नियमों का पालन नहीं करती ।

non - polar molecular
आध्रुवी अणउ
जब किसी अणु का द्विध्रुव आघूर्ण शून्य होता है तो वह अध्रुवी अणु कहलाता है। सममित सहसंयोजक यौगिक सामान्यतया अध्रुवी होते हैं क्योंकि उनमें इलेक्ट्रॉन सममिततः व्यवस्थित रहते हैं ।

nuclear fission
नाभिकीय विखंडन
किसी बाहरी स्रोत से उत्पन्न न्यूट्रॉनों की बमबारी से प्रेरित परमाण्विक नाभिक का टूटना । विशेष परिस्थितियों में मुक्त न्यूट्रॉनों द्वारा इस क्रिया का संवर्धन होता है । जब खंड़नीय (अस्थाई) नाभिक, जैसे यूरेनियम - 235 या प्लूटोनियम, क्रांतिक क्षेत्र में न्यूट्रॉन से टकराता है तो निम्न बातें होती हैः-
1. नाभिक विघटन होकर अनेक अन्य तत्व बनाता है जिन्हें विखंडन - उत्पाद या खंड कहते हैं । ये सब रेडियोऐक्टिव होते हैं और उनकी उच्च गतिज ऊर्जा होती है ।
2. विदरित नाभिक औसतन 2.5 न्यूट्रॉन उत्सर्जित करता है जो क्रमशः विखंडनीय पदार्थ के अन्य नाभिकों को खंडित करते हैं । इस प्रकार यह श्रृंखला - अभिक्रिया स्वयं होती रहती है ।
3. यह नाभिक के द्रव्यमान क्षति (mass defect) के तुल्य ऊर्जा उत्सर्जित करता है जो सामान्यतया 200 MeV प्रति नाभिक होता है । कुछ द्रव्यमान क्षय गामा किरणों के रूप में होता है ।


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