एक ऐसा अंकीय अथवा अन्य व्यंजक जो कंप्यूटर में संचय, स्मृति तंत्र अथवा सूचना के किसी अन्य स्रोत या गंतव्य में विशिष्ट स्थान निर्धारण सूचित करता है।
address
पता
1. अभिकलित्र में किसी पंजी, संग्रह-स्थान अथवा अन्य सूचना-स्रोत को पहचानने के लिए स्वीकृत संख्यात्मक या अन्य प्रकार के संकेतों वाला लेबिल नाम आदि ।
2. किसी अनुदेश का संकार्य भाग।
3. संदेश-प्रेषण में संदेश पहुँचने के स्थान का प्रतीकात्मक निरूपण ।
adfected quadratic equation
मिश्र द्विघात समीकरण
द्विघात समीकरण का व्यापक रूप ax2 + bx + c = 0, शुद्ध द्विघात समीकरण ax2 + b = 0 की तुलना में इसमें चर का प्रथम घात वाला पद भी है ।
adhesion
आसंजन
एक-दूसरे को स्पर्श करने वाली दो भिन्न पदार्थों की परस्पर चिपक जाने की प्रवृत्ति जो स्पर्शतल के निकटवर्ती अणुओं के पारस्परिक आकर्षण के कारण होती है ।
adiabatic change
रूद्धोष्म परिवर्तन
किसी तन्त्र के दाब और आयतन में होने वाला ऐसा परिवर्तन जिसमें तन्त्र और पर्यावरण के बीच कोई ऊष्मा-विनिमय नहीं होता। इसके फलस्वरूप तन्त्र की ऊष्मा में कोई हानि या लाभ नहीं होता और ताप का स्वतः समायोजन हो जाता है।
adiabatic demagnetisation
ऐडियाबेटिक विचुम्बकन, रूद्धोष्म विचुम्बकन
परम शून्य ताप के निकट एक डिग्री के हजारवें अंश तक ताप प्राप्त करने के लिए काम आने वाली एक तकनीक जिसमें किसी पूर्व शीतलित चुम्बकीय लवण के परमाण्वीय चुम्बकों का अनुयोजन करने के लिए प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र लगाया जाता है और फिर पदार्थ को अपने पर्यावरण से रूद्धोष्म करके चुम्बकीय क्षेत्र को हटा लिया जाता है जिससे परमाण्वीय चुम्बकों के परिणामी दिक्विन्यास में ऊष्मा का अवशोषण होकर ताप कम हो जाता है।
adjoint matrix
सहखंडज आव्यूह
किसी वर्ग आव्यूह A के संदर्भ में उस आव्यूह का परिवर्त जो A के प्रत्येक अवयव के स्थान पर इसके सहखंड को रखने पर प्राप्त होता है । पर्याय - adjugate matrix >
adjoint space
संलग्न समष्टि
यदि V कोई सदिश समष्टि हो जिससे सम्बद्ध अदिश क्षेत्र F हो और V* ऐसे रैखिक फलनों (फलनकों) की समष्टि हो जिनका प्रांत V हो और जिनका परिसर F में अंतर्विष्ट हो तो V* को V की संलग्न समष्टि कहते हैं ।
adjustment
समंजन
किसी उपकरण के विभिन्न अंगों को यथोचित स्थिति में लाने की क्रिया ।
admittance
प्रवेश्यता
किसी परिपथ में से प्रत्यावर्ती धारा-प्रवाह की सुगमता का एक माप जो प्रतिबाधा का व्युत्क्रम होता है। इस प्रकार यदि
Z = प्रतिबाधा
R = प्रतिरोध
X = प्रतिघात हो तो
Y = 1/Z = 1/R+JK = R/|Z|2 = G+JB
जहाँ G=R/|Z|2 चालकतत्व है,
B = -X/|Z|2 अधिकल्पित प्रवेश्यता है।
प्रवेश्यता का व्यावहारिक मात्रक mho `मो` है जो ohm का उल्टा है। इसका प्रतीक y है।