1. (क) किसी तंत्र के अनेक अवयवों का इस प्रकार समंजन करने का प्रक्रम कि उनमें परस्पर एक उपयुक्त संबंध स्थापित हो जाए। इसका उपयोग विशेष रूप से
(1) इलेक्ट्रॉनीय प्रवर्धक के समस्वरित परिपथ के समंजन में इष्ट आवृत्ति-अनुक्रिया प्राप्त करने और
(2) किसी तंत्र के घटकों में तुल्यकालन के लिए किया जाता है।
(ख) जड़त्वीय नौसंचालन उपस्कर के प्रसंग में उपस्कर का उपयोग होने वाले निर्देशांक तंत्र के सापेक्ष जड़त्वीय घटकों के मापन-अक्षों का दिक्विन्यास । इसमें गमन से पूर्व मापन अक्षों का निर्देशांक तंत्र के सापेक्ष एक अभीष्ट दिक्विन्यास किया जाता है जिसे प्रारंभिक अनुयोजन कहते हैं। प्रकाशिकी में इसका अर्थ `संरेखन` होता हैं।
aliquot part
अशेषभाजक खंड, संखंड
वह राशि, जिससे किसी निर्दिष्ट राशि को विभाजित करने से कोई शेष न बचे ; किसी राशि का कोई गुणनखंड। प्रायः इस शब्द का प्रयोग पूर्णांकों के लिए ही किया जाता है।
alkaline earth metal
क्षारीय मृदा धातु
कैल्सियम, स्ट्राँशियम और बेरियम तत्वों का कुल जो आवर्त सारणी के समूह IIA में स्थित है। कुछ लोग रेडियम को भी इस कुल का तत्व मानते हैं परन्तु यह रेडियोऐक्टिव होता है। ये तत्व वायु के संपर्क में मलिन हो जाते हैं।
all wave antenna
सर्व तरंग ऐन्टेना
एक ऐसा ऐन्टेना जो आवृत्तियों के विस्तृत परिसर का अच्छी प्रकार अधिग्रहण करता है । इसके अंतर्गत मानक लघु तरंग बैंड और प्रसारण बैंड भी आ जाते हैं ।
allelomorph
युग्मविकल्पी, ऐलीलोमॉर्फ
दो या अधिक सामकृतिक पदार्थों जिनमें एक ही संयोजकता के समान परमाणु होते हैं लेकिन उनके आबंध भिन्न-भिन्न होते हैं ।
allochromy
अपरवर्णता
कोई प्रतिदीप्ति अथवा प्रकाश का पुनर्विकिरण जिसमें उत्सर्जित प्रकाश का तरंगदैर्घ्य (इसलिए रंग) अवशोषित प्रकाश के तरंगदैर्घ्य से भिन्न होता है ।
allotropy
अपररूपता
किसी तत्व का दो या अधिक रूपों में पाया जाना जो भौतिक और रासायनिक गुणधर्मों में एक दूसरे से पर्याप्त भिन्न होते हैं । भिन्न रूपों में अंतर का कारण
(1) क्रिस्टल संरचना या
(2) गैस के अणु में परमाणुओं की संख्या या
(3) द्रव की अणु-संरचना होता है। कार्बन भिन्न क्रिस्टल संरचना का उदाहरण है जिसके हीरा, कार्बन कज्जल और ग्रेफाइट क्रिस्टल-रूप हैं। ऑक्सीजन और ओंजोन दूसरे वर्ग के तथा द्रव गंधक और हीलियम तीसरे वर्ग के उदाहरण हैं। यूरेनियम के तीन, मैंगनीज के चार और प्लूटोनियम के कम से कम छः क्रिस्टल रूप होते हैं। इनके अतिरिक्त अनेक अन्य तत्वों के भी अपररूप होते हैं।
allowed band
अनुमत बैंड
ठोस-अवस्था-भौतिकी में ऊर्जा-स्तर अथवा बैंडों का पूरा परिसर जिसमें किसी पदार्थ के इलेक्ट्रान रह सकते हैं। चालन-बैंड और संयोजकता-बैंड इसके उदाहरण हैं, इनके बीच का अंतराल वर्जित अंतराल कहलाता है।
allowed transition
अनुमत संक्रमण
किसी परमाण्विक या नाभिकीय क्वान्टम यांत्रिकीय तंत्र की दो अवस्थाओं के बीच क्वांटम संख्याओं में उपयुक्त वरण नियम के अनुसार होने वाला एक प्रातियकतम संक्रमण।
alloy
मिश्रातु
दो या अधिक धातुओं का घनिष्ठ (अंतरंग) मिश्रण जो बहुधा उन्हें परस्पर पिघलाकर या पिघली अवस्था में परस्पर विलीन करके बनाया जाता है। जैसे ताम्र और यशद का मिश्रातु पीतल है। धातु तथा अधातु के परस्पर संयोग से बना पदार्थ भी मिश्रातु कहलाता है। जैसे इस्पात, लोह और कार्बन का मिश्रातु है। सीस और यशद अथवा निकल या रजत के संयोग से मिश्रातु नहीं बनते क्योंकि पिघलने पर ये धातु परस्पर विलीन नहीं होते। ठोस होने पर पिघले हुए मिश्रातु या तो ठोस विलयन अथवा दो या अधिक विभिन्न धात्विक क्रिस्टलों का असमांग घनिष्ठ (अंतरंग) मिश्रण बनाते हैं। कुछ मिश्रातुओं के घटक परस्पर संयोग करके रासायनिक यौगिक बनाते हैं। मिश्रातुओं में धात्विक गुण होते हैं। ये मूल घटकों की तुलना में अधिक कठोर, अधिक गलनीय, कम आघातवर्ध्य तथा घटिया चालक होते हैं। इनका उपयोग उद्योगों में होता है।