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Definitional Dictionary of Physics (English-Hindi)
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acceptor circuit
ग्राही परिपथ
एक श्रेणीबद्ध अनुनादी परिपथ जो किसी इष्ट आवृत्ति के लिए न्यूनतम प्रतिबाधा उत्पन्न करता है। अन्य सभी आवृत्तियों पर इसके प्रतिबाधा अधिक होती है जिसके कारण सिग्नल पथ में से केवल इष्ट आवृत्ति ही गुजर सकती है।

acceptor circuit
ग्राही परिपथ
श्रेणीबद्ध प्रेरकत्व और धारितायुक्त एक अनुनादी परिपथ जिसकी प्रतिबाधा समस्वरण आवृत्ति पर निम्नतम होती है और इसके अतिरिक्त अन्य सभी आवृत्तियों पर अधिक । इसका उपयोग इष्ट आवृत्ति को गुजारने के लिए सिग्नल पथ के साथ श्रेणीबद्ध रूप में किया जाता है।

acceptor impurity
ग्राही अपद्रव्य
जर्मेनियम जैसे किसी क्रिस्टलीय अर्धचालक में किसी बाहरी द्रव्य की एक अल्पतम मात्रा। यह बाहरी द्रव्य परमाणु-क्रिस्टल-जालक में स्थित इलेक्ट्रॉन को अपनी ओर आकर्षित करता है और इस प्रकार उसकी प्रमुख संरचना में `होल` का निर्माण करता है। इस प्रकार p-प्रकार की चालकता उत्पन्न होती है। उदाहरण के लिए 10 लाख सिलिकॉन के परमाणुओं में बोरान के सिर्फ एक परमाणु की मात्रा से सिलिकान की चालकता में लगभग एक हजार गुनी वृद्धि हो जाती है।

acceptor level
ग्राही स्तर
किसी अर्धचालक क्रिस्टल-जालक के ऊर्जा-स्तर-आरेख में स्थित ऊर्जा का एक बैंड या स्तर जिस पर ग्राही अपद्रव्य बाहर से मिलाया जाता है। यह बैंड सामान्य संयोजकता-बैंड से थोड़ा ऊँचा होता है तथा परम ताप के ऊपर सभी तापमानों पर कुछ इलेक्ट्रॉन तापीय रूप से इस स्तर पर स्थानांतरित हो जाते हैं और इस प्रकार निम्न ऊर्जा बैंड में `होल` छोड़ जाते हैं।

accidental coincidence
संयोगी संपात
अलग-अलग विकिरण संसूचकों में होने वाली असंबद्ध गणना की संयोगी घटना द्वारा होने वाला एक संपात। इसे यादृच्छिक संपात भी कहा जाता है।

accommodation of eye
समंजन (नेत्र की) क्षमता
आँख की अपनी फ़ोकस दूरी को बदलने और विभिन्न दूरियों पर स्थित बिम्बों के स्पष्ट प्रतिबिम्ब बनाने की क्षमता। यह समंजन आँख के लेन्स की आकृति पर नियंत्रण रखने वाली पेशियों के तनाव के परिवर्तन द्वारा होता है।

accumulation point
पुंज-बिंदु
किसी समुच्चय का कोई ऐसा बिंदु जिसके किसी भी प्रतिवेश में उस बिंदु के अलावा समुच्चय का कम से कम एक और बिंदु उपस्थित हो, चाहे प्रतिवेश कितना ही छोटा क्यों न हो । सर्वत्र सघन समुच्चयों में सभी बिंदु पुंज-बिंदु होते हैं ।

accumulator
संचायक (=संचायक सेल ) (द्वितीयक सेल )
ऐसी विद्युत्-सेल जिसमें डायनेमों आदि से प्राप्त विद्युत्-धारा चलाकर वैद्युत ऊर्जा संचित कर ली जाती है। इस क्रिया को चार्ज करना कहते हैं और तब उससे विद्युत्-धारा विपरीत दिशा में प्राप्त होती है। संचित ऊर्जा के खत्म हो जाने पर उसे पुनः चार्ज कर लिया जाता है। इसमें प्राथमिक सेल की तरह कोई पट्टिका नष्ट नहीं होती। ये दो प्रकार की होती है। अधिक प्रचलित प्रकार में सल्फ्यूरिक ऐसिड में दो सीसे के प्लेट रहते हैं जिनमें से एक पर लेड पर आक्साइड जमा रहता है। यही धनात्मक प्लेट होती है। इसमें से विद्युत् धारा लेने से लेड पर आक्साइड का अपचय होकर सीसा बन जाता है। चार्ज करने पर उस पर पुनः आक्साइड बन जाता है। इसका वि0 वा0 बा0 लगभग 2 वोल्ट होता है और आंतरिक प्रतिरोध बहुत कम होता है। अतः इससे प्रबल धारा प्राप्त की जा सकती है। दूसरे प्रकार की सेल में पट्टिकाएँ निकल और लोह की और विलयन पोटेशियम हाइड्रोक्साइड का होता है। इसका वि0 वा0 ब0 लगभग 1.1 वोल्ट होता है।

accuracy
यथार्थता
यथासंभव माप में त्रुटि अथवा अनिश्चितता का अभाव । अनिश्चितता के परिमाण के अनुसार यथार्थता विभिन्न कोटियों की हो सकती है । इसे माप में होने वाली संभव भूल के मान के द्वारा या भूल की प्रतिशतता के द्वारा व्यक्त करते हैं। उदाहरणार्थ प्रकाश-वेग का मान (2.997930 ± .000003) x 1010 सेंटीमीटर प्रति सेकंड है। इस माप की यथार्थता 3 x 10-6 / 3 = 0.0001 प्रतिशत है ।

acetate film
ऐसीटेट फिल्म
सेलुलोस ऐसीटेट रेजिन से प्राप्त एक चिरस्थायी और उत्तम पारदर्शक फिल्म। इसकी विशेषता है अविरूपण। यह चिकनाई, तेल, धूल और वायुसह होती है। इसका उपयोग मुख्यतः स्तरण, शल्कन, फोटोग्राफी-फिल्म, प्रलेख (दस्तावेज) परि-रक्षण, दाब संवेदी टेप, चुम्बकीय-ध्वनि-अभिलेखन टेप आदि में किया जाता है।


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