अक्रियचिबुक कोशितऐसे कोशित जिनमें असंधित ह्रासित चिबुकांक होते हैं । इनकी दो मुख्य किस्में हैं : अबद्ध अक्रियचिबुक कोशित और आबद्ध अक्रियचिबुक कोशित ।
Adelphoparasitism
एडेल्फोपरजीविता
परजीवी हाइमेनोप्टेरा के कुल एफीलिनिडी में मिलने वाली परजीविता जहां मादा प्राथमिक परजीव्याभ (parasitoid) होती है जबकि उसी जाति के नर द्वितीयक अथवा परात्परजीवी (hyperparsite) होते हैं । जब अमैथुनी मादा अनिषेचित अंडे कोक्सिड परपोषी में निक्षेपित करती है तब इन अंडों से केवल नर पैदा होते हैं । यह नर अविकल्पी द्वितीयक परजीवी / परजीव्याम बन जाते हैं ।
Adfrontal area
अभिललाट क्षेत्र
लेपिडोप्टेरा गण के डिम्भक के सिर पर वह क्षेत्र जिस पर एक जोड़ी संकरे तिरछे कठक (sclerites) होते हैं ।
Adjuvant
सहयोगी
किसी पीड़कनाशी संरूपण में उपस्थित सक्रिय घटक के एकसमान फैलाव और वितरण के लिये मिलाया जाने वाला रसायन । उदाहरण : क्लेदक, विस्तारक, आसंजक, पायसीकारक प्रवेशी द्रव आदि । प्राय: यह निष्क्रिय समझा जाता है परन्तु कुछ स्थितियों में यह संरूपण में उपस्थित पीड़कनाशी की आविषालुता (toxicity) को बढ़ा देता है ।
Adsorption
अधिशोषण
वह प्रक्रम जिसके द्वारा पदार्थो को सतह पर इस ढंग से आबद्ध रखा जाता है कि रसायन धीमी गति से उपलब्ध होता रहे । कई बार चिकनी मिट्टी अथवा उच्च कार्बनिक मिट्टियों में पीड़कनाशी के अवशोषण की प्रवृत्ति होती है ।
Adulterated pesticide
अपमिश्रित पीड़कनाशी
ऐसा पीड़कनाशी जिसकी प्रबलता अथवा शुद्धता दिए गए मानक से कम हो जाती है अथवा जिसमें कोई पदार्थ जोड़ा या निकाला गया हो ।
Aedeagal apodeme
लिंगाग्रिका आंतरवर्धनर
कीट में लिंगाग्रिका का आंतरवर्ध ।
Aedeagus
लिंगाग्रिका
नर कीट का मैथुन अंग । स्खलन वाहिनी का अंतिम भाग अधर देहभित्ति से उत्पन्न अंगुली जैसे अंतर्वलन से घिरा रहता है , जिससे नर प्रवेशी अंग बनता है ।
Aeropyle
वायुद्वार
कीटों के अंडों में उपस्थित प्रणाल जिनके द्वारा गैस भरी परत अंडे के बाहरी पर्यावरण से संपर्क करती है ।
Aerosol
वायु - विलय, ऐरोसोल
पीड़कनाशी का वह संरूपण जिसका प्रकीर्णन अनुप्रयोग के समय अतिसूक्ष्म बूंदों के रुप में होता है । इन्हें `बग बोम्ब` के नाम से भी जाना जाता है । ये दाबीकृत प्रक्षेपक हैं । इनमें पीड़कनाशी की सूक्ष्म मात्रा रहती है जिसे उच्च दाब पर भरी रासायनिक प्रक्रिया से निष्क्रिय गैस द्वारा एक सूक्ष्म छिद्र से निकाला जाता है । इन सूक्ष्म बूंदों का आकार 0.1 से 50 माइक्रोन व्यास के बीच होता है ।