अंगुलि पादांश
संधिपाद के सामान्यीकृत उपांग का अंतस्थ खंड ।
Damage
क्षति
नाशक जीव अथवा पीड़क से होने वाली आभासी क्षति ।
Dayer's law
डायर नियम
इल्लियों का सिर सम्पुटक ज्यामितीय श्रेढ़ी (geometrical progression) में बढ़ता है । प्रत्येक निर्मोक के बाद सिर चौड़ाई में ऐसे अनुपात (प्राय: 1:4) में बढ़ता है जो जाति विशेष के लिये नियत होता है । कई कीटों में प्रत्येक निर्मोक के बाद होने वाली वृद्धि की दर में इस आनुभविक नियम (empirical rule) द्वारा पूर्व सूचना मिल सकती है। इस नियम से इन्स्टारों की संख्या की पूर्व सूचना नहीं मिल सकती ।
Dead heart
मृत केंद्र
प्ररोह तथा तना - भेदक कीटों के प्रकोप से नवोद्भिदों में मुख्य शाखा का सूखना अथवा बालियों के सूखने से सफेद बालियों का बनना ।
Decomposer
अपघटक
वे परपोषित जीव जो अपघटन द्वारा मृत कार्बनिक पदार्थ के भंजन से बने उत्पादों का, पोषण के लिए अवशोषण कर लेते हैं । इन्हें मृतजीवी भी कहते हैं ।
Decticous pupa
सक्रियचिबुक कोशित
एक आदिम प्रकार का कोशित (pupa) जो सदा अबद्ध होता है अर्थात् इसके उपांग शेष शरीर में जुड़े नहीं होते । इनका प्रयोग गमन के लिए किया जा सकता है । इनमें अपेक्षाकृत अधिक शक्तिशाली, कठकीकृत और संधित चिबुकांग होते हैं । इस प्रकार का कोशित अपेक्षाकृत अधिक आदिम एन्डोप्टेरिगोटों (जैसे - न्यूरोप्टेरा, मेकाप्टेरा, ट्रिकोप्टेरा) में पाया जाता है ।
Definitive host
अंत्य परपोषी
जैविक नियंत्रण की दृष्टि से ऐसा परपोषी जीव जिसमें परजीव्याभ या परजीवी अपने जीवन चक्र और लैंगिक परिपक्वता को पूर्ण कर लेता है।
Defoliator
निष्पत्रक
ऐसे कीट जो पत्तियों या तनों के अंशों को चबाकर पौधों को अनावृत कर देते हैं । उदाहरण - पर्णभृंग, इल्लियां, कटुवा सूंडी, टिड्डा, पिस्सू भृंग आदि ।
Degradability
निम्नीकरणता
किसी रसायन के कम जटिल यौगिकों या तत्वों में अपघटित होने या टूट जाने की क्षमता ।
Density dependent factor
घनत्व निर्भर कारक
कीट समष्टि की घनत्व निर्भर मर्त्यता (mortality), जो परजीवियों / परभक्षियों, रोगजनकों और स्पर्धियों जैसे जैव कारकों के द्वारा होती है । इस प्रकार की मर्त्यता परपोषी विशिष्ट जैव कारकों और अंत: जातीय स्पर्धा के कारण परपोषी के उच्च घनत्व के समय सबसे ज्यादा होती है । इस प्रकार के जैव कारक पीड़क की अधिक संख्या होने पर उसे कम कर देते हैं तथा पीड़क के घनत्व पर आश्रित होते हैं ।