अपाद डिम्भक
ऐसा डिम्भक जिसमें धड़ - उपांग पूरी तरह दबे होते हैं । अधिकांश कीटों की उत्पत्ति अल्पपाद किस्म के डिम्भक से होती है . कोलियोप्टेरा में पादहीन अवस्था अनेक कुलों के कीटों में मिलती है ।
Apodus
अपाद, पादहीन
कीट का पादरहित डिम्भक (लार्वा)
Apophysis
अध:स्फीतिका
देहभित्ति का बाह्य या आंतरिक गुलिकीय या लम्बा प्रवर्ध ।
Appetitive behaviour
अभिलाषी व्यवहारजब कीटों के लिये प्राकृतिक निकेत में उनके संकेंद्रण (concentration) स्थल की पर्यावरणी दशायें उपयुक्त हो जाती हैं तो उन्हें उद्दीपनों के मोचित होने से आवश्यक निवेश प्राप्त होते है ताकि वे अनिवार्य जीवन संबंधी कार्य कर सकें । इसके अंतर्गत वे तेजी से कुछ स्थलों की ओर बढ़ते हैं जो निम्नलिखित हैं । 1. अंडनिक्षेपण / स्फुटन स्थल 2. शिशु अशन स्थल 3. निर्मोचन (moulting) 4. वयस्क निर्गमन स्थल 5. वयस्क अशन स्थल 6. संगम स्थल 7. दिवाचर / निशाचर क्रिया स्थल और 8. शीतनिष्क्रियता / उपरति (diapause) स्थल आदि । कीटों की ये सभी क्रियाएं इस व्यवहार के अंतर्गत आती हैं ।
1. अंडनिक्षेपण / स्फुटन स्थल
2. शिशु अशन स्थल
3. निर्मोचन (moulting)
4. वयस्क निर्गमन स्थल
5. वयस्क अशन स्थल
6. संगम स्थल
7. दिवाचर / निशाचर क्रिया स्थल और
8. शीतनिष्क्रियता / उपरति (diapause) स्थल आदि । कीटों की ये सभी क्रियाएं इस व्यवहार के अंतर्गत आती हैं ।
Apposition image
स्तराधान प्रतिबिम्बवह प्रतिबिम्ब जिसका निर्माण उस समय होता है जब बाह्य बिंदुओं से आने वाली प्रकाश किरणों में से कुछ किरणें नेत्रांशकों में प्रवेश करने पर अपवर्तनी इकाई द्वारा नीचे स्थित रैब्डोम के दूरस्त सिरे पर फोकस हो जाती है । शेष सभी किरणें नेत्रांशकों को पृथक करने वाले वर्णक द्वारा विच्छिन हो जाती हैं ।
Apterous
पक्षहीन
बिना पंखों वाला कीट ।
Apterygota
एप्टेरिगोटा
पंख हीन कीटों का वह उप - वर्ग जिनकी पक्षहीन दशा आदिम मानी गई है और जिनमें कायांतरण कम अथवा नहीं होता । वयस्क में एक या अधिक जोड़ी अग्रजननीय (pregenital) उदरीय उपांग होते हैं तथा चिबुकास्थियां (mandibles) सिर सम्पुट (headcapsule) से प्राय: एक स्थान पर संधित होती हैं । उदाहरण - धाइसेन्यूरा, डिप्लूरा,प्रोट्यूराऔर कोलेम्बेला गणों के कीट ।
Archenteron (gastrocoele)
आद्यंत्र
अंतश्चर्म (endoderm) की गुहिका जो कंदुकन (gastrulation) के दौरान अंतश्चर्म और मध्यजनस्तर (मेसोडर्म) कोशिकाओं के भीतर की ओर जाने से बनती है तथा अंतत: आंत्रगुहिका बन जाती है ।
Arista
शूक
श्रृंगिका का पतला और शूक - समान उपांग । आकारिकीय रूप से वर्तिका (style) और शूक में अंतर नहीं होता । वर्निका सदैव अंतस्थ होती है जबकि शूक प्राय: पृष्ठीय और बिरले ही अंतस्थ होता है । साइक्लोरेफा की श्रृंगिकाओं में तीन आधारीय खंड होते हैं जिनमें तीसरा सबसे बड़ा, जटिल और शूक वाला होता है । शूक नग्न, पिच्छकी अथवा कंकती हो सकते हैं । वर्गीकरण में ये बहुत महत्वपूर्ण होते हैं ।
Arolium
अजिनक
गद्दी से समान संरचना जो नखरों के बीच अंतिम गुल्फ खंड के शीर्ष पर या प्रत्येक गुल्फ नखर के आधार पर पायी जाती है । उदाहरण - डिप्टेरा गण की घरेलू मक्खी ।