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Definitional Dictionary of Surgical Terms (English-Hindi)
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Abruption
अकस्मात् पृथक्-भवन
अकस्मात् पृथक् होना।

Absorbable Suture
अवशोष्य सूचर या सीवन
जख्मों (wounds - क्षतों) को बन्द करने में प्रयोग किया जाने वाला धागा जो ऐसी वस्तु का बना होता है जिससे धागे का शरीर के ऊतकों में अवशोषण हो जाता है, जैसे कैटगट (catgut)।

Accessory Gland (S)
सहायक ग्रंथियाँ
शरीर के जनन तन्त्र से सम्बन्धित ग्रंथियां जो जनन संबंधी कुछ गौण कार्यों को भी पूरा करती हैं। इनके द्वारा अण्डों का आवरण अथवा कोष बनाने वाले आसंजनशील पदार्थ का स्रवण होता है। नर में श्लेष्मा ग्रंथि स्खलनीय सहायक ग्रंथि है जो वाहिनी में खुलती है।

Accessory Nerve
अतिरिक्त नाड़ी
अनुदैर्ध्य नाड़ी की एक अतिरिक्त शाखा। ग्यारहवीं कपाल तन्त्रिका।

Accidental Abortion
अभिघातज गर्भपात
अभिघात के कारण अकाल (20 सप्ताह से पूर्व) में गर्भ का बाहर आना आकस्मिक गर्भपात कहलाता है।

Acetabulum
श्रोणि उलूखल
चतुष्पाद कशेरुकाओं की श्रोणिमेखला में ऊरु अस्थि के शीर्ष के लिए चषकाकार गर्तिका जो श्रोणिसांधि बनाती है।

Acetabulectomy
उलूखल-छेदन
श्रोणी प्रदेशास्थि उलूखल का उच्छेदन करना।

Acetabuloplasty
उलूखन संधान
श्रोणी-प्रदेशास्थि उलूखल-सन्धि का पुनः सन्धान।

Achard-Thiers Syndrome
एशार-थेर्ज संलक्षण
अधिवृक्क शीर्ष (adrenal cortex) का अतिकार्य है जिसकी विशिष्टताएँ अग्न्याशय में तंतुमय परिवर्तन, यकृतसिरोसिस, अवटु अतिवृद्धि, डिम्बग्रंथिकाजिन्य, पुंवतरोमता तथा शर्करा मेह (Diabetes) है।

Achalasia Cardia Cardiospasm
अभिह्रद-जठर संकोचन
इस अवस्था में ग्रासनली का नीचे का सिरा (निम्न अन्त) शिथिल अर्थात् खुला नहीं होता। ऐसा तंत्रिका-पेशी के असभंजन (neuro muscular incoordination) अथवा उनमें ताल मेल न होने के कारण हो सकता है, जिससे तरल पदार्थ ग्रासनली (भोजन की नली) में ऊपर को ही रूक जाता है। इस रोग से अक्सर मध्यम आयु की स्त्रियां ग्रसित होती हैं जिन्हें चूषण (aspiration) के कारण निगलने में तकलीफ (निगरण कष्ट), तरल का प्रत्यावहन उलटकर वापस आना (regurgitation) तथा श्वसनी-फु प्फु सशोथ (Bronchopneumonia) की बीमारियां होती रहती हैं। मुंह से बेरियम पीने के बाद ऐक्स-रे लेने पर इस अवस्था का पता लग पाता है, अर्थात्, ग्रासनली के निचले हिस्से में एक दम संकरापन तथा ऊपर का हिस्सा फैला हुआ दिखाई देता है। यह फैलाव तथा संकरापन रोग की अवधि पर निर्भर करेगा। ग्रासनली कार्सिनोमा को जानने के लिऐ ग्रासनली-गुहादर्शन (oesophagoscopy) परीक्षा की जाती है। इसकी चिकित्सा करते समय शस्त्रकर्म द्वारा ग्रासनली के निचले हिससे के पेशी तन्तुओं तथा जठर अभिह्रद्मुख के पेशी तन्तुओं को लम्बाई में काटे होते हैं।


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