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Definitional Dictionary of Surgical Terms (English-Hindi)
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Acute Cholecystitis
तीव्र पित्ताशयशोथ
इस रोग में पित्त की थैली में तीव्र शोथ हो जाने से अधिक ज्वर तथा दक्षिण अवःपर्शुक प्रदेश (दाहिनी तरफ पसलियों के नीचे, Rt. Hypochondrium) में दर्द हो जाता है। इस हिस्से में एक दुखने वाली गांठ (tender mass) हाथ से छूने पर पाई जा सकती है। प्रतिजीवी औषधियां (antiboitics), जठरांत्र को आराम देना (gastro-intestinal rest) तथा शिरा के द्वारा तरल का देना इस रोग की चिकित्सा है। तीव्र अवस्था के दूर हो जाने पर पित्ताशय-उच्छेदन (cholecystectomy) किया जाता है।

Acute Epididymo Orchitis
तीव्र अधिवृषण-वृषणशोथ
अधिवृषण और वृषण दोनों में सूजन का आ जाना। चोट, पेशाब या रक्त द्वारा लाया हुआ संक्रमण इस बीमारी का सामान्य कारण है। इस रोग में दर्द, बुखार तथा वृषण में सूजन हो जाते है। पृषण कोश को सहारा देना, दर्द दूर करने की दवाइयां तथा प्रतिजीवी औषधियां देना, इस बीमारी का इलाज है। फोड़ा बन जाने पर शस्त्रकर्म करके पीप या बाहर निकाल जाता है।

Acute Lymphadenitis
तीव्र लसीकाग्रंथी शोथ
संक्रमण के बाद होने वाला लसीका पर्वों (lymph nodes) का तीव्र शोथ (acute inflammation) । इस अवस्था के लक्षणों में दर्द, बुखार तथा पर्वों का बढ़ जाना शामिल है। इस रोग की चिकित्सा के लिए प्रतिजीवी (antibiotics) तथा पीड़ाहर औषधियों का सेवन कराया जाता है। फोड़ा या विट्रधि (abcess) बन जाने पर उसका निकास (drainage) कर दिया जाता है। गंभीर ग्रैव प्रावरणी (deep cervical fascia) के नीचे गहराई में तीव्र शोथ होने पर सांस लेने में तकलीफ होती है और तुरन्त निकास एवं विसम्पीड़न (decompression) की जरूरत पड़ती है। इस अवस्था को लुडविग ऐन्जाइना कहते हैं।

Acute Prostatitis
तीव्र पुरःस्थ शोथ
पुरःस्थ ग्रन्थि का तीव्र शोथ (सूजन)। यह रोग प्रायः सूजन या सूत्रमार्ग में यन्त्र-प्रयोग (instrumentation) के कारण पैदा होता है। इस रोग में मूलाधार (perineum) में भयंकर पीड़ा होती है तथा पेशाब में रुकावट होती है तथा फोड़ा बन जाता है। पेशाब की रुकावट को दूर करना और कभी-कभी पुरःस्थ ग्रन्थि के फोड़े (abscess) का शस्त्रकर्म करके मवाद निकालना तथा प्रतिजीवी औषधियों (antibiotics) का प्रयोग इस रोग की चिकित्सा है।

Acute Poisoning
तीव्र विषाक्तता
किसी प्रक्रिया या विषवर्गी द्रव्यों के प्रभाव से होने वाली शीघ्र विषाक्तता। तीव्र गति से शरीर को प्रभावित करने वाली विषाक्तता। यह जैविक व अजैविक दोनों प्रकार के विषों से हो सकती है। जैविक विषाक्तता साधारणतः दूषित भोजन में पाये जाने वाले जीवाणुओं के विष-पदार्थों (Toxins) की वजह से होती है। अअजैविक विषाक्तता रसायनों के संपर्क में आने से होती है। उदा. के लिये कीटनाशक पदार्थ, चूहानाशक पदार्थ, धतूरा, औषधियों की अतिमात्रा आदि। प्रभावित व्यक्ति की जान बचाने के लिए आवश्यक है कि उसे संबंधित विषैले पदार्थ के संपर्क से तुरंतर हटा दिया जाये तथा आकस्मिक व गहन चिकित्सा (Emergency & Intensive care) की जाये।

Acutenaculum
सूचीग्राही यन्त्र
शस्त्र में प्रयुक्त सूची को पकड़ने वाला स्वस्तिक यन्त्र।

Acutorsion
रक्तवाहिनी विमोडन
रक्तवाहिनी को सूची द्वारा रक्तस्तम्भन के उद्देश्य से मरोड़ना।

Adamantinoma Or Ameloblastoma
दन्तवल्क अर्बुद या ऐनेमल प्रसू अर्बुद
एक बहुकोष्ठकी उपकला अर्बुद।

Adductor Muscle
अभिवर्तनी पेशी
वह पेशी, जो किसी अंग या अवयव को शरीर के मुख्य अक्ष की ओर खींचती है। वह पेशी जो दो भागों को परस्पर मिलाती हैं जैसे सीपी में कवच के दोनों कपाटों को मिलाने वाली पेशी।

Adenocystoma
ग्रन्थि पुटी अर्बुद
एक अर्बुद जिसमें ग्रन्थ्यबुर्द (adenomatous) तथा पुटीय (cystic) ऊतक (tissues) होते हैं।


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