वह उपकरण, जो हृत् पेशी का संकोच करने के लिए, आवेगों (impulses) की श्रुंखला को उत्पन्न करता है। इस यंत्र की दो किस्में होती हैं- (i) बाह्य (बाहरी) गति प्रेरक जो सीमित समयावधि तक कार्य करता है, तथा (ii)आभ्यंतर (भीतरी) गति प्रेरक जो दीर्घ समयावधि तक कार्य करता है। शिरा अलिंद पर्व, दाहिने अलिंद में ऊर्ध्व माहाशिरा के प्रवेश द्वार के निकट कोशिकाओं का एक समूह जिससे आवेग उठकर हृदय के दूसरे भागों में फैलते हैं। गति प्रेरक, हृदय की सामान्य गति के कम हो जाने पर उसे नियंत्रित गति प्रदान करता है।
Pachycephaly
बृहत्कपाल पृथुता
कुछ रोगों में कपालास्थि का असामान्य रूप से मोटा हो जाना।
Pachydactyly
स्थूल अंगुलिता
हाथ एवं पैर की अंगुलियों की असामान्य मोटाई।
Pachyderma
त्वक्स्थूलता
त्वचा का मोटा होना।
Pachyderma Alba
पैकीडर्मा अल्बा
मोटी श्वेत त्वचा यानी एक चर्म रोग श्वेतत्वक्स्थूलता।
Pachymeter
स्थूलता मापी
किसी भी वस्तु की तनुता एवं स्थूलता मापन यंत्र।
Pachyonychia Congenita
जन्मजात नखस्थूलता
जन्म से ही नाखूनों की मोटाई।
Paget'S Disease, Osteitis Deformans
पेजट रोग
रोग जिसमें अस्थियाँ दुर्बलता के साथ झुक जाती है। एक दूसरी हड्डी में धीरे-धीरे इस प्रकार रूपांतरण होते रहना कि अस्थियां पत्रक का रूप धारण कर लें और मोजेक की तरह दिखाई दें। इस रोग का कारण अभी तक अज्ञात है। कपाल तथा जंघा की अस्थियां ज्यादा प्रभावित होती है। रोगी दर्द की शिकायत करता है। हड्डियां मोटी होकर भार के कारण झुक जाती हैं। प्रभावित अस्थि में कभी- कभी दुर्दम परिवर्तन भी हो जाता है। अभी तक इस रोग का सही उपचार नहीं हो पाया है। 40 साल की उम्र के लोग अधिकतर इस रोग से ग्रसित होते हैं।
Palatal
तालव्य
तालू से संबंधित।
Palate
तालु
मुख का ऊपरी भाग, जो मुख-गुहा को नासागुहा से अलग करता है। इसके अगले भाग को कठोर तालु और पिछले भाग को कोमल तालु कहते हैं।