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Paribhasha Kosh (Arthmiti, Janankiki, Ganitiya Arthshastra Aur Aarthik Sankhyiki) (English-Hindi)
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Basis of space
समष्टि आधार
जिन सदिशों से किसी समष्टि के सभी बिन्दुओं का व्युत्पादन किया जा सकता है उन्हें समष्टि आधार कहते हैं।

Behavioural equations
व्यवहारपरक समीकरण
व्यवहारपरक समीकरण मानव की क्रिया प्रतिक्रिया अथवा संव्यवहार के बीज गणितीय सूत्र होते हैं।
बाजार के संदर्भ में ये माँग एवं पूर्ति संबंधो में वैयक्तिक व्यवहार का उल्लेख करते हैं।
ये फलन अपने सरलतम रूप में रैखिक माने जाते हैं। प्रतियोगी बाजार में व्यवहार के समीकरण इस प्रकार हैं :—
q^d = a + bp q^s = c + dp यहां q^d = मांग मात्रा, q^s -पूर्ति मात्रा तथा p = मूल्य।
इन समीकरणों की सहायता से हम संतुलन की स्थिति का पता लगा सकते हैं।
यद्यपि इनके बारे में यह पूर्व धारणा है कि इनकी प्रकृति रैखिक होती है तथापि वास्तविक जगत में यह अरैखिक भी हो सकती है।
तुल∘ दे∘ definitional equation

Bergson contour
बर्गसन कन्टूर
बर्गसन कन्टूर (समोच्च रेखा) मात्राओं के समाहार के वैकल्पिक संयोगों को दिखाती है।
बर्गसन एक फ्रांसिसी समाज विज्ञानी थे जिनका मत है कि अनुभव की दो स्थितियों को अंतराल रेखाओं द्वारा स्पष्टतया दिखाया जा सकता है।
उपभोक्ता क्षेत्र में यदि हम दो व्यक्तियों के समाज की कल्पना करें और दो वस्तुओं q₁ q₂ को विचार में लायें तब उनसे मिलने वाली उपयोगिताओं को वितरण के संगत समोच्च रेखाओं द्वारा नीचे दिए चित्र के अनुसार दिखाया जा सकता है। (DIAGRAM)
q₂ की अल्पतम मात्रा जो q₁ की किसी मात्रा की संगत मात्रा होती है, ₂ की उस अल्पतम मात्रा को दिखाती है जो समाज को एक निश्चित कल्याण फलन पर रहने के लिए आश्वासन देती है।
इस चित्र में दिया गया आवरण (envelop) सीटोवस्की (Scitovsky) समोच्च रेखा से मिलता-जुलता है जो Q₁, Q₂ की उन अल्पतम मात्राओं के संयोगों का, जो समाज को एक निश्चित कल्याण फलन पर रखने के लिए आवश्यक है, बिंदुपथ होता है।
यह आवरण (envelop) AB बर्गसन कन्टूर कहलाता है।

Best estimator
श्रेष्ठ आकलक
प्रतिदर्श द्वारा दी गई सूचना के आधार पर किसी समष्टि के प्राचलों का ऐसा आकलन जो यथार्थ या वास्तविकता के निकट होता है श्रेष्ठ आकलक कहा जाता है।
इसका निर्णय समंजन की कसौटी द्वारा किया जाता है। यदि हमारे पास कोई ऐसा निकर्ष होता है, जिसके आधार पर हम दो आकलकों में से यह निर्णय कर सकें कि इनमें से एक आकलक दूसरे से श्रेष्ठ हे तब हम प्रसरण की इसी प्रक्रिया द्वारा यह भी कह सकते हैं कि इसका कोई श्रेष्ठतम आकलक भी हो सकता है।
श्रेष्ठतम आकलक के चयन में जिन निकर्षों का प्रयोग होता है, उनमें प्रमुख हैं—पर्याप्तता, न्यूनतम प्रसरण, संगतता, इत्यादि।

Better decision function
सुष्ठुतर निर्णय फलन
निर्णय फलन के गुण-दोष की परख जोखिम फलन की कसौटी द्वारा की जाती है अर्थात् निर्णय के द्वारा लिये जाने वाले जोखिम का मूल्य कितना है।
जोखिम का तात्पर्य है कि किसी प्रयोग पर हमारी कितनी लागत आएगी और इसमें प्रत्याशित हानि को निकाल कर हमें कुल कितना लाभ होगा।
किसी दी हुई परिस्थिति में प्रत्येक प्रकार के निर्णयों के साथ अलग-अलग हानि फलन जुड़े हुए होते हैं।
निर्णय फलन को तभी दूसरे निर्णय फलन से उत्तम या श्रेष्ठ कहा जा सकता है जबकि उसका जोखिम फलन दूसरे निर्णय के साथ जुड़े हुए जोखिम फलन से अधिक न हो बल्कि कुछ निश्चित मूल्यों पर उसका जोखिम दूसरे से कम हो।

Binomial distribution
द्विपद बंटन
द्विपद बंटन की संकल्पना प्रो∘ जेम्स बर्नूली द्वारा प्रतिपादित की गई है। यदि हम एक सिक्के को उछालें तो हेड ( H या सफलता) प्राप्त करने की सफलता p, 1/2 के बराबर है तथा टेल ( T या असफलता ) की प्रायिकता भी 1/2 है अर्थात् q = 1/2 है।
व्यापक रूप में हम कह सकते हैं कि यदि कुल n स्वतंत्र अभिप्रयोग हों और प्रत्येक अभिप्रयोग के लिए सफलता की प्रायिकताएं p एक समान हों, तो 0,1,2,3,------------ सफलताओं की प्रायिकताएं क्रमशः द्विपद प्रसार (q+p)^n के उत्तरोत्तर पदों द्वारा व्यक्त की जाती है। यह बंटन द्विपद बंटन है।
इसका प्रसार (FORMULA )
होता है तथा माध्य np और प्रसरण npq के बराबर होता है।

Birth control
जन्म नियंत्रण गर्भ नियंत्रण संतति नियमन
बच्चों के जन्म पर रोक लगाने की क्रिया जन्म नियंत्रण कहलाती है। यह परिवार नियोजन कार्यक्रमों से संबद्ध है और इसका उपययोग संतानों के बीच उचित अंतराल लाने या उनकी संख्या कम रहने के लिए किया जाता है।

Birth rate
जन्म दर
अशोधित जन्म दर किसी क्षेत्र में दी गई अवधि में जन्म लेने वालों की संख्या को कुल जनसंख्या के औसत या माध्य से भाग करने से प्राप्त होती है। सामान्यतः इस दर को प्रति 1000 व्यक्तियों के अनुसार गुणा करके परिकलित किया जाता है।

Births prevented
निरूद्ध जन्म
गर्भ निरोधकों के प्रयोग से रोके गए जन्मों की संख्या या दर। यह संख्या ज्ञात करने के लिए उपयुक्त प्रजनन दर, संरक्षण के आकलित दम्पति वर्ष, तथा अन्य सांख्यिकी एवं जनांकिकी चरों का प्रयोग किया जाता है। यह सूचकांक ऐसे सभी देशों में तैयार किया जाता है जहाँ पर परिवार नियोजन कार्यक्रम को स्वीकार किया गया है। परिवार नियोजन नीति के मूल्यांकन व निर्धारण पर इसका काफी प्रभाव पड़ता है।

Boundary condition
परिसीमा प्रतिबंध
ऐसी प्रारंभिक शर्त या अतिरिक्त सूचना जो किसी मॉडल का अद्वितीय समय पथ की दृष्टि से अभिनिर्धारण करती है।


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