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Paribhasha Kosh (Arthmiti, Janankiki, Ganitiya Arthshastra Aur Aarthik Sankhyiki) (English-Hindi)
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Z chart
Z चार्ट
Z नुमा चार्ट इनमें एक ही अक्ष पर तीन वक्रों को दिखाया जाता है। वक्र बनाने के लिए मासिक आधार पर पूरे वर्ष की अवधि को लिया जाता है। एक वक्र में मासिक अंकों को दिखाया जाता है, दूसरे में वर्ष के प्रारंभ से लेकर सभी अंक दिखाये जाते हैं और तीसरे में प्रत्येक मास के अन्त में 12 मास के लिए कुछ आँकड़े दिखाए जाते हैं।
इस अंतिम वक्र को चल वार्षिक का सकल वक्र भी कहा जाता है।
Z चार्ट में मासिक आँकड़ों को बिन्दुओं द्वारा अंकित करने के लिए दो उदग्र पैमानों का इस्तेमाल किया जाता है। व्यापारिक प्रयोजन के लिए इनका विशेष महत्व होता है जैसे उत्पादन तथा बिक्री को मापने के लिए।

Z distribution
ज़ेड बंटन
यह प्रसरण अनुपात के लघुगणकीय रूपांतरण का बंटन होता है।
यदि किसी समष्टि का आधार n_1 और n_2 कोटि की स्वतंत्रता वाले प्रसरण s_1^2 और s_2^2 दो स्वतंत्र आकलक होते हैं तब हम ज़ेड बंटन के फलन को निम्न प्रकार से दिखा सकते हैं। z= 1/2 log⁡〖(n_2 s_1^2)/(n_1 s_2^2 )〗
इस संबंध का प्रयोग सार्थकता बिन्दुओं की सारणियों में अन्तवेशनों को सरल बनाने के लिए किया जाता है। इस बंटन के आधार पर परिकल्पनाओं की सत्यता जानने के लिए जो परीक्षण किया जाता है, उसे z परीक्षण कहते हैं। सहसंबंध गुणांक के सार्थकता परूक्षण के लिए भी फिशर ने एक z प्रतिदर्शज का विकास किया है, जो निम्नलिखित है:— z= 1/2 log⁡〖 a (1+r)/(1-r)〗
लघु प्रतिदर्शों के लिए उक्त z प्रतिदर्शज का बंटन लगभग प्रसामान्य होता है तथा इसकी मानक त्रुटि परिकलित की जा सकती है।

Zero matrix = (null matrix)
शून्य आव्यूह
ऐसा आव्यूह जिसके सभी अवयव शून्य होते हैं।
तुल∘ दे∘ (matrix)


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