खेल समस्या में हम यह ज्ञात करते हैं कि क्या किसी शून्य योग खेल में भुगतान आव्यूह का कोई पल्याण बिन्दु है अथवा नहीं तथा क्या इसका कोई इष्टतम फल है या नहीं।
खेल समस्या का उद्देश्य ऐसी इष्टतम युक्तियों (चालों) का पता लगाना होता है जिनको पूर्णतया निर्धारित नहीं किया जा सकता।
ऐसी समस्या को हम उचित समीकरणों तथा न्यूनतापरक चरों की सहायता से रैखिक प्रोग्रमन समस्या में बदल सकते हैं।
Game theory
खेल सिद्धांत
खेल सिद्धांत, ऐसे नियमों, विनियमों, परिपाटियों या रूढ़ियों का समुच्चय है जिनका किसी क्रीड़ा (Play) में अनुपालन किया जाता है।
क्रीड़ा किसी विशेष के नियमों की यथासंभव अनुभूति है। किसी खेल में चाल (Move) एक ऐसा स्थल या बिन्दु होता है जहाँ से कोई खिलाड़ी किन्ही वैकल्पिक उपायों के सेट में से कोई एक विकल्प चुनता है।
यदि किसी खेल में चालों और विकल्पों की संख्या परिमित होती है तो इसे परिमित (Finite) खेल कहा जाता है अन्यथा इसे अपारिमित खेल कहा जाता है।
यदि अपने हितों के अनुसार एक अकेला व्यक्ति खेल के किन्ही नियमों का पालन करता है, तो ऐसे खेल को 'एक व्यक्ति खेल' कहा जाता है। जब एक खेल को कई व्यक्ति खेलते हैं और परस्पर अनन्य सेटों में इस प्रकार बँटे होते हैं कि एक सेट में शामिल सभी व्यक्तियों के हित समरूप होते हैं तब ऐसे खेल को N व्यक्तियों का खेल कहा जाता है। खेल के खिलाड़ियों को जो प्रतिफल मिलता है उसे भुगतान कहा जाता है।
अर्थशास्त्र में खेल सिद्धान्त का प्रयोग विपणन व्यवहार में किया जाता है जिसमें खिलाड़ी के रूप में विभिन्न फर्में अपनी-अपनी चाल चलती हैं। ये चालें या तो प्रतिद्वंद्वी फर्म की प्रतिक्रिया पर निर्भर करती हैं या प्रतिद्वंद्वी की प्रतिक्रिया की परिकल्पना पर।
Gaussian generator
गाँउसीय जनक
विक्षोभों का मान निकालने के लिए गाँऊस द्वारा निरूपित जनन की विशेष विधि।
इस विधि द्वारा कृत्रिम प्रतिदर्श बनाकर प्रयोग की विशिष्टियों के अनुसार आकलक के गुणों की परीक्षा की जाती है और फिर उत्तरोत्तर प्रेक्षणों की यादृच्छिक आधार आगे से आगे पुनरावृत्ति कर विक्षोभ को सही मान निकालने के लिए सारणियाँ बनाई जाती हैं।
अगला मान ज्ञात करने के लिए आकलित गुणांकों की वास्तविक गुणांकों से तुलना की जाती है और फिर इस प्रक्रिया को आगे दोहराया जाता है।
Gauss-Laplace curve
गाँउस लाप्लास वक्र
गाँउस एक जर्मन गणितज्ञ थे और लाप्लास एक फ्रांसीसी खगोल शास्त्री तथा गणितज्ञ। इन दोनों गणितज्ञों द्वारा किसी गुण के रेखीय अध्ययन के लिए बंटन का एक सामान्य नियम बनाया गया है जिसके आधार पर सबसे अधिक पाई जाने वाली विशेषता की रेखा के इर्द-गिर्द सममित बंटन प्रणाली से एक वक्र तैयार किया जाता है। इसे प्रसामान्य बंटन वक्र अथवा गाँउस लाप्लास वक्र कहा जाता है जिसका फलन इस प्रकार:— Y= 1/(σ√2π) e^(〖-(x-u)〗^2/〖2σ〗^2 )
इनमें सर्वाधिक बारंबारता की रेखा सामान्यतः माध्य रेखा को माना जाता है। इस प्रकार के बंटन का एक चित्र नीचे दिया जाता है:-
(DIAGRAM))
General fertility rate = (g.f.r.)
सामान्य प्रजनन दर
प्रजनन दर किसी अवधि में जन्म लेने वाले जीवित बच्चों की संख्या और उस अवधि के मध्य बिन्दु पर जनन आयु वर्ग की महिलाओं की संख्या के परस्पर अनुपात से प्राप्त होती है। इस अनुपात को प्रति 1000 के पीछे दिखाया जाता है। संतान उत्पन्न करने योग्य (जनन) आयु वर्ग में 15 से 45 वर्ष की महिलाएं आती हैं।
Geometric mean
गुणोत्तर माध्य
यदि एक समष्टि में पदों की संख्या n हो, अर्थात n पद मान हों, तो उनका गुणोत्तर माध्य उनके गुणनफल का nवाँ मूल होता है।
अतः पदों के गुणनफल का nवाँ मूल उनका गुणोत्तर माध्य कहलाता है। सूत्र रूप में इसे यों लिखा जाता है:-
〖G=(x_1,x_2,…………….x_n)〗^(1/n)
Graph
आलेख
किसी फलन के आश्रित चर को एक ही स्वतंत्र चर के पदों में निकाल कर दोनों चरों के फलन को संतुष्ट करने वाले मान-युग्मों के चित्रण को आलेख कहते हैं।
आलेख में दोनों चरों को दो अक्षों पर मापते हैं। ये आलेख को चार भागों में बाँटते हैं। दोनों कक्ष साधारणतया समकोण पर कटते हैं और उनमें से एक क्षैतिज होता है। क्षैतिज अक्ष पर ही स्वतंत्र चर को दर्शाते हैं।
Grass root approval
आधार मूल समर्थन
किसी कार्यक्रम या नीति के प्रति ग्रामीण तथा अनपढ़ जनता और आम शहरी लोगों का अनुकूल रवैया आधार मूल समर्थन कहलाता है।
आधार मूल समर्थन की संकल्पना को अनेक सामाजिक कार्यों, यथा परिवार नियोजन आदि की सफलता के लिए एक अनिवार्य परिस्थिति माना जाता है।
Gross migration
सकल प्रवसन
किसी देश या क्षेत्र में आने वाले लोगों और वहाँ से जाने वाले लोगों का जोड़।
तूल∘ दे∘ net migration
Growth components (population)
वृद्धि घटक (जनसंख्या)
किसी भी देश की जनसंख्या की वृद्धि के घटक हैं मृत्युदर, जनन दर तथा प्रवसन।
इनका परस्पर संबंध निम्नलिखित समिकाओं द्वारा दिखाया जा सकता है:
जनसंख्या वृद्धि= जन्म संख्या — मृत्यु संख्या + आप्रवास-उत्प्रवास
जनसंख्या वृद्धि दर= अशोधित जन्म दर— अशोधित मृत्यु दर + आप्रवसन दर—उत्प्रवसन दर।
जनांकिकी अनुसंधान के तकनीक व विश्लेषण में जनसंख्या का पूर्वानुमान लगाने के लिए इन सूत्रों का बहुधा प्रयोग किया जाता है।