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Paribhasha Kosh (Arthmiti, Janankiki, Ganitiya Arthshastra Aur Aarthik Sankhyiki) (English-Hindi)
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Work force participation rate
श्रमशक्ति/श्रमिक बल सहभागिता दर
किसी देश की आर्थिक दृष्टि से सक्रिय जनसंख्या का वह भाग जो लाभप्रद या अर्जक कार्यों में लगा हो शक्ति या श्रमिक बल कहलाता है। ऐसी कुल जनसंख्या का जितने प्रतिशत भाग वस्तुतः अर्जक कामों में लगा हुआ होता है उसे श्रम शक्ति सहभागिता दर कहते हैं।
तुल∘ दे∘ active population तथा working population

Working population
कार्यशील जनसंख्या
कार्यशील जनसंख्या में सभी ऐसे व्यक्ति शामिल किए जाते हैं जो आर्थिक वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में हिस्सा लेते हैं।
इसमें आर्थिक इकाइयों में अवैतनिक कार्य करने वाले पारिवारिक सदस्य भी सम्मिलित किए जाते हैं।
तुल∘ दे∘ active population

Yate's correction
येट शुद्धि
प्रसामान्य वक्र में जाने वाली शुद्धि जिससे कि इस वक्र के प्रयोग द्वारा प्रायिकता को बढ़ाया जा सके।
इसका उद्देश्य यह होता है कि इसके पश्चात प्राप्त प्रायिकता द्विपद विधि से प्राप्त प्रायिकता के अधिक निकट पहुँच जाती है।
इससे वक्र का अतिसंशोधन भी हो सकता है अर्थात संशोधन के पश्चात् प्राप्त प्रायिकता द्विपद विधि से अधिक भी बढ़ सकती है।
यदि अशोधित मान दोनों विधियों से एक-दूसरे के निकट हों तो हम परिकल्पना को स्वीकार कर सकते हैं अन्यथा इसे अस्वीकार किया जा सकता है।
इस संकल्पना का प्रयोग सांख्यिकीय समानुपात की सार्थकता निकालने के लिए किया जाता है।

Z chart
Z चार्ट
Z नुमा चार्ट इनमें एक ही अक्ष पर तीन वक्रों को दिखाया जाता है। वक्र बनाने के लिए मासिक आधार पर पूरे वर्ष की अवधि को लिया जाता है। एक वक्र में मासिक अंकों को दिखाया जाता है, दूसरे में वर्ष के प्रारंभ से लेकर सभी अंक दिखाये जाते हैं और तीसरे में प्रत्येक मास के अन्त में 12 मास के लिए कुछ आँकड़े दिखाए जाते हैं।
इस अंतिम वक्र को चल वार्षिक का सकल वक्र भी कहा जाता है।
Z चार्ट में मासिक आँकड़ों को बिन्दुओं द्वारा अंकित करने के लिए दो उदग्र पैमानों का इस्तेमाल किया जाता है। व्यापारिक प्रयोजन के लिए इनका विशेष महत्व होता है जैसे उत्पादन तथा बिक्री को मापने के लिए।

Z distribution
ज़ेड बंटन
यह प्रसरण अनुपात के लघुगणकीय रूपांतरण का बंटन होता है।
यदि किसी समष्टि का आधार n_1 और n_2 कोटि की स्वतंत्रता वाले प्रसरण s_1^2 और s_2^2 दो स्वतंत्र आकलक होते हैं तब हम ज़ेड बंटन के फलन को निम्न प्रकार से दिखा सकते हैं। z= 1/2 log⁡〖(n_2 s_1^2)/(n_1 s_2^2 )〗
इस संबंध का प्रयोग सार्थकता बिन्दुओं की सारणियों में अन्तवेशनों को सरल बनाने के लिए किया जाता है। इस बंटन के आधार पर परिकल्पनाओं की सत्यता जानने के लिए जो परीक्षण किया जाता है, उसे z परीक्षण कहते हैं। सहसंबंध गुणांक के सार्थकता परूक्षण के लिए भी फिशर ने एक z प्रतिदर्शज का विकास किया है, जो निम्नलिखित है:— z= 1/2 log⁡〖 a (1+r)/(1-r)〗
लघु प्रतिदर्शों के लिए उक्त z प्रतिदर्शज का बंटन लगभग प्रसामान्य होता है तथा इसकी मानक त्रुटि परिकलित की जा सकती है।

Zero matrix = (null matrix)
शून्य आव्यूह
ऐसा आव्यूह जिसके सभी अवयव शून्य होते हैं।
तुल∘ दे∘ (matrix)

Sum game
शून्य योग खेल
इस संकल्पना का उपयोग व्यवसायिक निर्णय या आर्थिक निर्णय लेने के लिए (खेल -सिद्धांत के अन्तर्गत) उत्पादन और साधनों के इष्टतम आबंटन संबंधी प्रयोगों में किया जाता है।
निर्णय लेने का खेल अनेक व्यक्तियों के हाथों में होता है। इस खेल में विजेता सभी ऐसे जोखिम उठाने के लिए तैयार रहता है जो हारने वाले व्यक्तियों की तरफ़ से उसके लिए पैदा किए जा सकते हैं। इस खेल में किसी भी स्थिति में विजेता को होने वाले सभी लाभों का बीजीय योग शून्य होता है। इसीलिए इसे शून्य-योग खेल कहा जाता है।
यह एक ऐसा n व्यक्ति खेल है। जिसमें सभी व्यक्तियों को मिलने वाले भुगतान का जोड़ शून्य होता है आर्थात् n ∑_(i=1)^n▒〖P_i=O〗द्वि-अधिकार (duopoly) दो व्यक्तियों वाला शून्य योग खेल कहलाता है क्योंकि P_1+P_2=O
शून्य योग खेल में दो व्यक्तियों की साँठ-गाँठ या मिली-भगत की कोई गुंजाइश नहीं होती।
प्रायः आर्थिक खेल गैर-शून्य-योग खेल (non-zero) होते हैं, क्योंकि इनमें सभी खिलाड़ियों को खेल से कुछ न कुछ लाभ होता है।


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