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Paribhasha Kosh (Arthmiti, Janankiki, Ganitiya Arthshastra Aur Aarthik Sankhyiki) (English-Hindi)
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Economic structure
आर्थिक संरचना
जब किसी फलन या मॉडल की संपूर्ण विशिष्टियाँ दी होती हैं और इनके सभी बहिर्जात चर भी दिए होते हैं तब इस फलन समूह को आर्थिक संरचना कहा जाता है।
गणक विश्लेषण में यह संरचना विचरों और सामान्य कारकों के बीच संबंध का ढाँचा प्रदान करती है।
जो तत्व अध्ययन की अवधि में बदलते रहते है जैसे, कीमतें, उत्पादन या निर्गत, बिक्री, अनबिका माल या स्टॉक, ब्याज की दरें, निवेश, उपभोग, सरकारी खरीद की मात्रा, करों की दरें, आर्थिक सहायता आदि, इन्हें चर कहा जाता है।
आर्थिक संरचना को प्रगट करने वाले समीकरण के संख्यात्मक स्थिरांकों को संरचनागत प्राचल कहा जाता है। इनमें कुछ प्रेक्षणीय होते हैं और कुछ अप्रेक्षणीय। अप्रेक्षणीय चरों को यादृच्छिक चर भी कहा जाता है।
जब संरचना समीकरणों के समुच्चय के सभी प्राचलों का मूल्य ज्ञात होता है तब उनसे कलित किया गया स्वायत्त समीकरणों का समूह उन सभी जटिल आर्थिक विशेषताओं का वर्णन करता है जो किसी दी हुई अवधि में नहीं बदलतीं। इसी प्रकार संरचनात्मक समीकरणों की सहायता से हम सभी अन्तर्जात चरों का संख्यात्मक मान निकाल सकते हैं, जबकि बहिर्जात चर दिए हुए हों।

Economy wide macro econometric model
संपूर्ण अर्थव्यवस्था का अर्थमितीय मॉडल
देश की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था का अर्थमितीय मॉडल। इसे समष्टि मॉडल (macro model) भी कहा जाता है। इसका निर्माण, विश्लेषण और परीक्षण संकेतों और समीकरणों के रूप में किया जाता है।
पहले अर्थव्यवस्था की सामान्य विशेषताओं को लिया जाता है, फिर इसमें प्रसंभाव्य समीकरण लिए जाते हैं। इसमें प्रतिदर्श काल के आँकड़े, उनके प्रारम्भिक अनुमान और न्यूनतम वर्ग आकलन लिए जाते हैं। प्रसंभाव्य समीकरणों के चुनाव और अन्त में लघुकृत समीकरणों के आधार पर पूर्वानुमान प्रस्तुत किए जाते हैं।
ऐसे मॉडल में उपभोग समीकरण, निजी घरेलू निवेश संबंधी व्यवहार समीकरण तथा उपभोग निवेश केन्द्रक से संबंधित कुछ समीकरण भी शामिल किए जाते हैं।
इसमें आय, निर्गत तथा व्यय के वास्तविक आँकड़े और निरपेक्ष तथा सापेक्ष कीमतें, अर्थव्यवस्था की मैट्रिक तथा वित्तीय विशेषताओं, उत्पादन-फलन आदि के संबंध में समीकरण भी शामिल किए जाते हैं।
भारत को सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के लिए 1954-66 की अवधि के लिए सर्वश्री नरसिंहमम वा एम∘ वी∘ रामाशास्त्री आदि द्वारा 1968 में एक ऐसा मॉडल तैयार किया गया है।

Effective fertility
प्रभावी प्रजनन दर
कुल जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में से पूर्ण विकसित गर्भ में हुई मृत्युओं और एक वर्ष से छोटे बच्चों की मृत्युओं की संख्या को घटाकर जो अन्तर प्राप्त होता है।
इस प्रकार से प्राप्त जन्म दर प्रभावी प्रजनन दर कहलाती है।

Effeciency of investment
निवेश दक्षता
उत्पादन के साधनों को बदलने के लिए राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के कुल उत्पादन में प्रति इकाई निवल निवेश परिव्य के पीछे राष्ट्रीय उत्पाद में जो वृद्धि होती है उसे निवेश दक्षता कहा जाता है।
जैसे यदि वार्षिक राष्ट्रीय उत्पाद x हो और अगले वर्ष में इस उत्पाद की वृद्धि ∆x हो और प्रतिस्थापन निवल निवेश I हो तब निवेश दक्षता ∆x/I) होगी।
निवेश दक्षता को उत्पादन की तकनिकी स्थितियों के आधार पर आगत तथा निर्गत विधि से मापा जाता है।

Efficient resource allocation
दक्ष साधन आवंटन
साधनों को इस प्रकार से आबंटित करना कि किसी एक वांछित वस्तु के निवल उत्पादन में बढ़ोत्तरी करने से किसी दूसरी वांछित वस्तु के निवल उत्पाद में किसी प्रकार की कमी न हो।
निवल ऋणात्मक उत्पाद का अधिकतमीकरण और निवल धनात्मक उत्पाद का न्यूनतमीकरण दक्ष आबंटन की कसौटी है।
दक्षता की दो आधारों पर गणना की जाती है:— (1) जब प्राथमिक कारकों (आगत) पर किसी प्रकार का सीमा बंधन नही होता; (2) जब प्राथमिक कारकों (आगत) पर किसी प्रकार का सीमा बंधन होता है।

Emigration =(out-migration)
उत्प्रवासन
एक देश से दूसरे देश में जाकर बसने की स्थिति को उत्प्रवासन कहते हैं।
निवास की अवधि के अनुसार उत्प्रवासन दो प्रकार का होता है:— (1) स्थायी, (2) अस्थायी।
स्थायी उत्प्रवासन में व्यक्ति देश से बाहर एक वर्ष से अधिक समय के लिए जाते हैं, जबकि अस्थायी उत्प्रवासन में अवधि एक वर्ष से कम होती है, परन्तु इसमें दूसरे देश में व्यवसाय अथवा नौकरी लेना आश्यक है। उत्प्रवासियों में पर्यटक व कुछ समय के लिए जाने वाले व्यक्ति सम्मिलित नहीं किए जाते हैं।

Employment coefficient
नियोजन गुणाँक
किसी दिए हुए उत्पादन के क्षेत्र में कुछ निर्गत और उस क्षेत्र में लगाई गई श्रमिक शक्ति के अनुपात को नियोजन गुणांक कहते हैं। इसका चिन्ह aoi है।
यह गुणांक किसी क्षेत्र विशेष में निर्गत के प्रति इकाई के पीछे लगाए जाने वाली श्रमिक शक्ति का द्योतक होता है।
इसको हम निम्नलिखित संबंध से व्यक्त करते हैं :—N=∑_(i-1)^n〖aoi Aik〗

Employment function
नियोजन फलन
नियोजन फलन से हमारा तात्पर्य नियोजन और उसके निर्धारक कारकों के संबंध से है।
इन कारकों में मुख्यत: वास्तविक मजदूरी, प्रभावी श्रम पूर्ति एवं राष्ट्रीय आय आदि सम्मिलित होते हैं।

Empty set
रिक्त समुच्चय
ऐसा समुच्चय जिसमें कोई अवयव न हो। इसे संकेत द्धारा अभिव्यक्त किया जाता है।
तुल∘ दे∘ set

Endogeneous variable
अन्तर्जात चर
अन्तर्जात चर वे चर हैं जो अर्थव्यवस्था को प्रभावित नहीं करते बल्कि स्वतः उससे प्रभावित होते हैं।


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