logo
भारतवाणी
bharatavani  
logo
Knowledge through Indian Languages
Bharatavani

Paribhasha Kosh (Arthmiti, Janankiki, Ganitiya Arthshastra Aur Aarthik Sankhyiki) (English-Hindi)
A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z

Direct sampling
प्रत्यक्ष प्रतिचयन
प्रतिदर्श की इकाइयों का समष्टि के सदस्यों से सीधा चयन प्रत्यक्ष प्रतिचयन कहलाता है।
इसके विपरीत जब ये इकाइयां किन्हीं अप्रत्यक्ष साधनों यथा जनगणना के फार्मों या अन्य अभिलेखों से चुनी जाती हैं तो इस विधि को अप्रत्यक्ष प्रतिचयन कहते हैं।

Discrete probability distribution
असंतत प्रायिकता बंटन
किसी असंतत यादृच्छिक चर u के प्रायिकता बंटन का अर्थ एक फलन का आलेख तैयार करना होता है, जिसमें u के प्रत्येक संभव मान के लिए प्रायिकता को दिखाया जाता है।
यह प्रायिकता 0 और 1 के बीच होती है। असंभव घ़नाओं के लिए इसका मान 0 होता है और निश्चित घटनाओं के लिए 1 सभी संभव मानों की प्रायिकताओं का जोड़ एक होता है।
प्रायिकता बंटन को आलेख सारणियों या समीकरण के रूप में दिखाया जाता है जैसे छः अकों वाले एक पासे का प्रायिकता बंटन नीचे के चित्र में दिखाया गया है। (DIAGRAM)
यदि ऐसे दो पासों को इकट्ठा फेंका जाये तो उसके प्रायिकता बंटन का चित्र नीचे देखा जा सकता है। (DIAGRAM)

Dispersion
परिक्षेपण
प्रेक्षण-समुच्चय में विकीर्णन या विचरण को परिक्षेपण कहते हैं।
परिक्षेपण उस सीमा या विस्तार के परिमाण का सूचक है जो कि प्रेक्षणों के बीच में अंतर तथा भिन्नता को व्यक्त करता है।
परिक्षेपण को विचरण या परिवर्तिता भी कहते हैं।
परिक्षेपण समष्टि में स्थित विषमांगता का द्योतक है तथा पदमानों में एक समानता के अभाव का सूचक है।
परिक्षेपण हमें यह बताता है कि कोई एक विचर बंटन अपने केंद्रीय मान के इर्द-गिर्द किस मात्रा तक फैला हुआ है या संकेंद्रित है।

Distributed lag
बंटित पश्चता
गतिकीय अर्थशास्त्रीय मॉडलों में कभी-कभी एक चर का वर्तमान मान किसी दूसरे चर के बहुत से पहले के मानों पर निर्भर करता है। इस प्रकार के संबंध को बंटित पश्चता कहा जाता है।
इसको सूत्र रूप में यों लिखा जाता है :— y^t=〖f(x〗_(t,) x_(t-1,) x_(t-2,) x_(t-3,)……….)

Distribution studies (population)
वितरण मूलक अध्ययन (जनसंख्या)
जनसंख्या को भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में बाँटकर उसकी विशेषताओं का अध्ययन 'वितरण मूलक अध्ययन’ कहलाता है।
इसमें देश की समस्त जनसंख्या को कई क्षेत्रों और उपक्षेत्रों में बाँट दिया जाता है और फिर इन्हें जनांकिकीय दृष्टि से एक अलग इकाई मानकर वहाँ की जनसंख्या के संबंध में अध्ययन किए जाते हैं।
इन क्षेत्रों या इलाकों का परिसीमन दशाब्दिक जनगणना से पहले कर लिया जाता है। प्रत्येक ऐसे क्षेत्र या इलाके को ‘गणना जिला’ या ‘गणना क्षेत्र’ की संज्ञा दी जाती है।

Divorce
विवाह-विच्छेद/तलाक
विवाह-विच्छेद या तलाक विवाह भंग करने की वह अंतिम वैधानिक पद्धति है जिसके बाद संबंधित व्यक्ति यदि चाहे तो दूसरा विवाह कर सकते हैं।
यह पृथक्करण से आगे का चरण है क्योंकि पृथक्करण के बाद विवाह-विच्छेद स्वीकृत न होने तक व्यक्ति विवाह नहीं कर सकता।

Domain of a function
फलन का प्रक्षेत्र/फलन का प्रांत
किसी फलन का x अक्ष पर प्रक्षेपण उसका प्रक्षेत्र या प्रांत कहलाता है।

Dot map
बिंदुकित मानचित्र
किसी घटना को क्षेत्रवार दिखाने के लिए बिंदुओं वाले या बिंदु लगे मानचित्र।
इनका प्रयोग सांख्यिकीय दृष्टि से किसी क्षेत्रफल में कितने फार्म हैं या किसी क्षेत्र में वर्षा का क्या अनुपात है जैसे प्रसंगों में किया जाता है।
इन बातों को बिन्दुकित मानचित्र द्वारा दिखाने का तरीका बड़ा सरल और प्रभावी होता है। बिन्दुओं का घनत्व मात्रा या अनुपात का द्योतक होता है।

Double k—class estimator
दोहरा ‘के’ श्रेणी आकलक
इस श्रेणी के मैट्रिक्स में एक प्राचल के स्थान पर दो प्राचल और k_2 होते हैं जिनका नमूना नीचे दिया जाता है:— ( FORMULA ) दोहरे k श्रेणी आकलन की संकल्पना k श्रेणी आकलकों से थोड़ी भिन्न है। इसकी पुनःस्थापना ए∘ एल∘ नागर द्वारा 1962 में की गई थी।

Duality problem
द्वैत समस्या
द्वैत आद्य मॉडल का विलोम होता है।
प्रत्येक मूल या आद्य (primal), रैखिक प्रोग्राम मॉडल का एक द्वैत (dual) मॉडल होता है। यदि आद्य मॉडल अधिकतमीकरण का हो तो द्वैत न्यूनीकरण का होता है।
द्वैत मॉडल के गुणांक अपने आद्य के स्थिरांक होते हैं। जिस प्रणाली में n चर तथा m प्रतिबंध हों तथा जिसका अपना हल हो उसे न्यूनतम रैखिक समस्या के रूप में n चरों तथा m प्रतिबंधों में परिवर्तित किया जा सकता है।
इस प्रमेय के अनुसार रैखिक प्रोग्रामन समस्या तथा द्वैत समस्या का एक ही हल होता है।


logo