हिन्दू दर्शन के छः दार्शनिक सिद्धान्त, जो न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, पूर्व मीमांसा और उत्तर मीमांसा अथवा वेदान्त कहलाते हैं। इन्हीं को सम्मिलित रूप से षड्दर्शन कहते हैं। इन दार्शनिक सिद्धान्तों के प्रतिपादक क्रमशः गौतम, कणाद, कपिल, पतंजलि, जैमिनि और बादरायण थे। (देखिये, सं. राधाकृष्णन द्वारा अंग्रेजी में रचित 'भारतीय दर्शन का इतिहास)।